किसी गत्ते में रखकर आपके पास कोई सामान आया। सामान को निकालकर आप गत्ते को वेस्ट मानकर फेंक देते हैं लेकिन मुंबई के युंग धनानी ने ऐसा नहीं किया। बल्कि लोगों के फेंके हुए गत्तों को इन्होंने इकट्ठा किया और उसका पूरा एक कैफे बना दिया। कार्डबोर्ड कैफे का इनका स्टार्टअप किसी क्रिएटिव इंटीरियर वाले कैफे से कम नहीं है...


features@inext.co.inKANPUR: अपने आसपास पड़े कार्ड बोर्ड्स का आप क्या यूज करते हैं। आमतौर पर उनको फेंक ही देते होंगे, लेकिन इस मामले में शेफ से राइटर और अब एक इस कैफे के मालिक बने युंग धनानी ने बेस्ट सॉल्यूशन निकाला। ऐसे ढेर सारे वेस्ट वाले गत्तों को इकट्ठा करके इन्होंने मुंबई के ही बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स में एक कैफे बनाया। क्या है इनके इस अनोखे स्टार्टआप की खासियत, जानते हैं यहां।अपने आप में अनोखा है ये कार्डबोर्ड कैफे


आउट ऑफ द बॉक्स बने इस कैफे की खासियत ये है कि ये गत्ते से बना है। यही वजह है कि आप यहां डिलीशियस कुजीन से ज्यादा, यहां के इंटीरियर को एंज्वाॅय करेंगे। कैफे में फर्नीचर से लेकर लाइट फिक्सचर, साइनेज, कटलरी और यहां तक की मेन्यू भी गत्ते से बना है। युंग के इस कैफे को आर्किटेक्चर नुरु करीम ने डिजाइन किया है। इस कैफे को नाम दिया गया है कार्डबोर्ड, जो 40,000 वर्गफुट पर फैला है। कैफे इको फ्रेंडल और रिसाइकिल की जाने वाली चीजा को इकट्ठा करके बनाया गया है। इसके अलावा यहां के खाने की खासियत य है कि यहां स्पैनिश कुजीन को साउथ इंडियन फॉर्मेट में बनाया जाता है। फंक्शनैलिटी और ड्यूरेबिलिटी के नाम पर है टेस्टेड

जाहिर सी बात है कि आपके दिमाग में भी ये बात आ रही होगी कि गत्ते का बना ये कैफे क्या हवा में लहराता नहीं होगा या क्या पानी में भीगता नहीं होगा, तो आपको बता दें कि अलग अलग मौसम में इस गत्ते को सेफ रखने के लिए इसके सरफेस को मोम से लेमिनेट किया गया है। ताकि ये हर मौसम को झेल सके। इतना ही नहीं, युंग कहते हैं कि कैफे में यूज होने वाला सारा मटीरियल फंक्शनैलिटी और ड्यूरेबिलिटी के नाम पर पूरी तरह से टेस्टेड है। इसलिए लोग यहां आकर बेफिक्र हो पूरी तरह से एंज्वाॅय कर सकते हैं। Success Story: Ayurvaidic नीम टूथपिक्स और एरिका प्लेट्स, हेल्थ को देंगे ग्रेसSuccess Story: Adukale ने विदेशों तक पहुंचाया Sankethi recipes का स्वाद

पूरी तरह से इको फ्रेंडली है गत्ता


असल में गत्ता एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसे लोग हल्के में लेते हैं। लोगों को ये लगता है कि इसका यूज सिर्फ घरों की शिफ्टिंग या चीजों की पैकेजिंग के लिए ही किया जा सकता है, लेकिन गत्ते वास्तव में पर्यावरण के लिए बहुत अच्छे होते हैं। यह 100 प्रतिशत पुनर्नवीनीकरण है और खासतौर पर 50 प्रतिशत हवा से बना है। इसके अलावा, यह बहुत ही कम लागत वाला, टिकाड्ड, हल्का प्रोडक्ट है। यह काफी एकोस्टिक फ्रेंडली भी है। अमित कहते हैं कि इस कैफे के जरिए हमारा आइडिया हमारी डेली लाइफ में गत्ते के यूज की अवधारणा को बढ़ावा देने का था। हम चाहते थे कि लोग इस इको फ्रेंडली गत्ते का बेहतर यूज कर सकें।

Posted By: Vandana Sharma