यूक्रेन के ओदेसा शहर में लगातार तनाव बना हुआ है जहां शुक्रवार को एकजुट यूक्रेन समर्थकों और रूस समर्थकों के बीच झड़पों में कम से कम 42 लोग मारे गए हैं.


ज़्यातार लोगों की मौत एक इमारत में लगी आग के कारण हुई, जहां रूस समर्थक प्रदर्शनकारी छिपने का प्रयास कर रहे थे. रूस समर्थकों ने इन मौतों पर रोष जताया है.दूसरी तरफ़ यूक्रेन के पूर्वी शहर क्रैमाटोर्स्क में हर तरफ़ यूक्रेन की सेनाओं और रूस समर्थित चरमपंथियों के बीच भीषण लड़ाई जारी है.सरकारी सेनाओं ने शहर को चारों तरफ़ से घेर लिया है और उनका दावा है कि उन्होंने शहर के बीचोंबीच कई इमारतों पर भी कब्ज़ा कर लिया है. क्रैमाटोर्स्क के एक निवासी इल्या ने लड़ाई का आँखों देखा हाल बयान किया.


उन्होंने कहा, "सेना ने स्लेवियांस्क की ओर से और उसके दूसरी ओर से विद्रोहियों को हटाने की कोशिश की. स्लेवियांस्क में एक चेकप्वाइंट को आग लगा दिया गया. कई आम लोग इसमें मारे गए और कई घायल हुए. हवाई अड्डे की ओर के सैनिकों ने सड़कों पर मार्च करना शुरू किया और उसके बाद शहर के भीतर आगे बढ़ने लगे."प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार इसके बाद चर्च के प्रतिनिधि वहां आए, उसी दौरान एक पादरी ने कुछ सैनिकों से बात करनी शुरू कर दी और उनसे पीछे हटने की अपील की. सैनिक हट गए और अब वो हवाई अड्डे के पास फिर जमा हो रहे हैं.पर्यवेक्षकों की रिहाई

इस बीच रूस समर्थित चरमपंथियों ने यूक्रेन के पूर्वी शहर स्लोवियांस्क में बंधक बनाए गए सात अंतरराष्ट्रीय सैन्य पर्यवेक्षकों को रिहा कर दिया है.इन लोगों को पिछले आठ दिनों से बंधक बनाया गया था. इनके साथ बंधक बनाए गए पांच यूक्रेनी लोगों को भी रिहा कर दिया गया है.यूरोपीय पर्यवेक्षकों का कहना था कि उनके साथ बहुत अच्छा बर्ताव किया गया और उन्हें उम्मीद थी कि वो जल्द ही रिहा हो जाएंगे."मुझे बहुत ख़ुशी है कि पूरी टीम की रिहाई संभव हो सकी. सबसे अहम बात ये है कि ये सभी लोग स्वस्थ हैं. हालांकि इनकी रिहाई के लिए बातचीत का रास्ता बेहद मुश्किल था, जैसा कि पहले की घटनाओं को हम देख चुके थे. बातचीत कई बार टूट चुकी थी."- फ्रांक वॉल्टर श्टाइनमायर, जर्मन विदेश मंत्रीजर्मनी के विदेश मंत्री फ्रांक वॉल्टर श्टाइनमायर ने इन लोगों की रिहाई का स्वागत किया है.उन्होंने कहा, "मुझे बहुत ख़ुशी है कि पूरी टीम की रिहाई संभव हो सकी. सबसे अहम बात ये है कि ये सभी लोग स्वस्थ हैं. हालांकि इनकी रिहाई के लिए बातचीत का रास्ता बेहद मुश्किल था, जैसा कि पहले की घटनाओं को हम देख चुके थे. बातचीत कई बार टूट चुकी थी."

इन लोगों की रिहाई को लेकर रूस पर पश्चिमी देशों का ज़बर्दस्त दबाव था. इसे यूक्रेन में तनाव कम करने की दिशा में ही जोड़कर देखा जा रहा था.रिहाई के लिए बातचीत करने वाले रूस के दूत व्लादिमिर लुकिन ने इस पूरे घटनाक्रम को काफी संतोषजनक बताया है. श्टाइनमायर ने इसके लिए लुकिन और रूस के अन्य लोगों का आभार व्यक्त किया, जिनकी वजह से इन लोगों की रिहाई संभव हो सकी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh