आमतौर पर किसी प्लांट या फैक्ट्री में मशीनों की मेंटेनेंस उसी वक्त करवाई जाती है जब उनमें कोई खराबी आ जाती है। ऐसी सिचुएशन में इफेक्ट होने लगता है वहां का प्रोडक्शन। 'पेटासेंस' डिवाइस की हेल्प से किसी भी मशीन के खराब होने से पहले ही मिल जाएगा अलर्ट मैसेज कि उस मशीन में खराबी आने वाली है और तुरंत उसकी मेंटेनेंस करवाकर आप प्रोडक्शन वर्क को जारी रख सकते हैं।


कानपुर (फीचर डेस्क)। बेंगलुरु के अभिनव कुशराज और अरुण सांथेबेनर ने मिलकर 2014 में एक डिवाइस के साथ अपने स्टार्टअप की शुरुआत की और उसको नाम दिया 'पेटासेंस' का। ये पेंटासेंस हेल्पफुल होता है उन प्लांट्स और फैक्ट्रीज के लिए, जहां डेली बड़ी रेंज में प्रोडक्शन होता है। ऐसी जगहों पर सैकड़ों की तादाद में लगी मशीनें पूरा दिन काम करती हैं और अगर उनमें से एक मशीन भी खराब हो जाए, तो पूरा का पूरा प्रोडक्शन इफेक्ट कर जाता है। ऐसी सिचुएशन आपके साथ नहीं आने देता है पेटासेंस।ऐसा है वर्किंग प्रॉसेस
असल में पेटासेंस एक छोटी सी डिवाइस है। यह एक इंटीग्रेटेड हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सिस्टम पर काम करता है। इस सिस्टम में वायरलेस वाइब्रेशन सेंसर्स, क्लाउट सॉफ्टवेयर और मशीन-लर्निंग ऐनालिटिक्स मौजूद हैं। यह 4 स्टेजेस में काम करता है। पहले स्टेज में मशीन में पेटासेंस को इन्सटॉल करने के बाद बिना वायर के वाइब्रेशन डेटा लिया जा सकता है। इसके बाद सेकेंड स्टेज में इस वाइब्रेशन डेटा को पेटासेंस क्लाउड में एंटरप्राइज ग्रेड सिक्योरिटी के साथ स्टोर किया जाता है।  यहां पर सेंसर उस डेटा की जांच करने के बाद मशीन की हेल्थ का पता लगाता है। फिर मशीन के रियल टाइम ऐक्सेस के बाद किसी ब्राउजर या मोबाइल डिवाइस पर उसकी हेल्थ प्रोसेसिंग होती है और उसका मैसेज रिलेटेड नंबर पर सेंड कर दिया जाता है।इनके लिए है यूजफुलकंपनी के फाउंडर अभिनव कुशराज इस डिवाइस की इंपॉर्टेंस को लेकर बताते हैं कि पेटासेंस को आमतौर पर पावर जेनरेशन, ऑयल और गैस, फार्मास्यूटिकल्स, बिल्डिंग्स एंड फैसिलिटीपेटासेंसज और फूड एंड बेवरेज इंडस्ट्री में यूज किया जा सकता है।ऐसी है फ्यूचर प्लानिंगअभिनव कहते हैं कि फिलहाल गुरुग्राम, कोलकाता, बेंगलुरु में ये डिवाइस बड़ी-बड़ी फैक्ट्रीज में जबरदस्त परफॉर्मेंस दे रही है। यहां इसके काम को देखते हुए अब कुछ और शहरों से इस डिवाइस को कनेक्ट करने के ऑडर्स आ रहे हैं। इसके अलावा कंपनी की कोशिश है कि इसे बड़े-बड़े प्रोडक्शन करने वाली फॉरेन कंट्रीज तक भी पहुंचाए, जिसके लिए वे जल्द ही वहां कुछ वर्कशॉप्स भी ऑर्गनाइज कराने जा रहे हैं।features@inext.co.inStartup Idea: 'शाॅप-मेट' पर शॉपिंग हुई आसान, सामान देखो ऑनलाइन खरीदो ऑफलाइन

Posted By: Vandana Sharma