श्रीलंका सरकार ने कैमरन को दी चेतावनी
इस बीच प्रधानमंत्री कैमरन ने राष्ट्रमंडल देशों की बैठक का बॉयकॉट करने की मांग को ख़ारिज करते हुए कहा कि वे इस बैठक में शामिल होकर श्रीलंका के मानवाधिकार से संबंधित आकंड़ो पर ध्यानआकर्षित करने की कोशिश करेंगें.लेकिन श्रीलंका का कहना है कि उन्हें इन आकंड़ो को उठाने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उन्हें इस आधार पर आमंत्रित नहीं किया गया है.कैमरन ब्रिटेन और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों को बढ़ाने के लिए भी मनमोहन सिंह से भी मुलाक़ात करेंगे. हालांकि भारतीय प्रधानमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं.बॉयकॉट
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा कनाडा और मॉरीशस के प्रधानमंत्री भी इस बैठक में भाग नहीं ले रहे हैं. इन देशों का आरोप है कि मंहिदा राजपक्षे के शासन के दौरान श्रीलंका में गृह युद्ध की समाप्ति के अंतिम महीनों में तमिल विद्रोहियों के ख़िलाफ़ युद्ध अपराध हुए थे, जिसके विरोध में ये देश राष्ट्रमंडल देशों की बैठक में भाग नहीं ले रहे हैं.ब्रितानी विपक्षी लेबर पार्टी और तमिल प्रतिनिधियों ने कैमरन से इस बैठक का बॉयकॉट करने की अपील की थी लेकिन प्रधानमंत्री का कहना था कि वे इस बैठक में शामिल होने के बाद ही ''कुछ मानवाधिकारों के मुद्दों पर ध्यान आकर्षित कर सकते हैं.''
लेकिन कैमरन के इस सुझाव पर श्रीलंका ने नाराज़गी और ग़ुस्सा जताया है.श्रीलंका के संचार मंत्री केहलिया रामबुकवेला ने बीबीसी को बताया, ''प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को आमंत्रित करने का आधार ये नहीं था. हम एक सम्प्रभु राष्ट्र हैं. आपको क्या लगता है क्या कोई भी श्रीलंका से कुछ भी मांग कर सकता है?''स्वतंत्र देशमंत्री का कहना था, ''हम उपनिवेश नहीं है बल्कि एक स्वतंत्र देश हैं.''
बीबीसी के कुटनीतिक मामलों के संवाददाता जेम्स रॉबिन्स का कहना है कि यहां कई पत्रकारों की हत्या भी की गई है.कैमरन बुधवार को भारत पहुंचे हैं और राष्ट्रमंडल देशों की बैठक में शामिल होने से पहले भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापारिक समझौते होने की उम्मीद की जा रही है.