खबर है कि श्रीलंका सरकार ने शनिवार को नया संविधान बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेन की सरकार ने यह कदम अल्पसंख्यक तमिल समुदाय को ज्यादा अधिकार देकर उनके पुनर्वास के लिए उठाया है। इससे फिर कभी भविष्य में किसी टकराव की आशंका पैदा न हो।

संसद में दिया भाषण
इस बारे में राष्ट्रपति ने संसद में भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि 21 सदी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नए संविधान की सख्त जरूरत है। ऐसे में सभी समुदायों को सद्भावना से रहने के लिए स्थितियां पैदा करे। उल्लेखनीय है कि सिरीसेन सरकार ने श्रीलंका में अपना एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है।
ऐसा बोले सिरीसेन
तमिल समस्या के समाधान की दिशा में प्रयासों पर कार्य कर रहे सिरीसेन ने कहा कि देश के दक्षिणी और उत्तरी भाग के चरमपंथियों ने अपने कृत्यों से हजारों नौजवानों की जान ली है। चरमपंथियों के ऐसे कृत्य से उनको और देश की अन्य जनता को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
सभी को करना होगा सुनिश्चित
ऐसे में उन्होंने कहा कि सभी को सुनिश्चित करना चाहिए कि फिर वैसी स्थितियां पैदा न हों और सभी लोग शांति व सद्भावना से रहें। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा है कि बीते सालों के कड़वे अनुभवों से सबक लेते हुए वह खुद को भविष्य की चुनौतियों से लड़ने लायक बनाएंगे। इसके बाद संसद में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने नए संविधान से संबंधित प्रस्ताव पेश किया।

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Posted By: Ruchi D Sharma