भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कल गुरुवार को एक बार फिर भाजपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज किया. सौरव ने कहा कि वह उनकी नई पारी राजनीति में खेलने की नहीं हैं. वह न ममता बनर्जी को टक्‍कर देने जा रहे हैं और न बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. यह महज अफवाहे हैं.

हर्ष गोयनका ने ट्वीट किया
फुटबॉल टीम में सौरव के साथ सहमालिक आरपीजी इंटरप्राइजेज के प्रमुख संजीव गोयनका के भाई ने ट्वीट के जरिये इसकी जानकारी दी थी, जिसके बाद "दादा" के भाजपा में जाने को लेकर चर्चा बढ़ गई थी. आखिरकार पूर्व क्रिकेट कप्तान ने खुद इन अटकलों पर विराम लगाया. कहा, वे राजनीति के मैदान में नहीं उतरेंगे. दरअसल, इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में कोलकाता की फुटबॉल टीम एटलेटिको डि कोलकाता के सहमालिकों में सौरव के साथ आरपीजी गोयनका ग्रुप के प्रमुख संजीव गोयनका भी हैं. बुधवार रात इसी परिवार के हर्ष गोयनका ने ट्वीट किया कि सौरव गांगुली यानी दादा भाजपा में शामिल होकर दीदी यानी ममता बनर्जी को चुनौती देंगे.

भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं
इसके बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया और चर्चा का बाजार गर्म हो उठा. बात दादा तक पहुंची तो उन्होंने खुद सामने आकर इन अटकलों पर विराम लगाया. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में पांव पसार रही भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है. लिहाजा पार्टी की नजर 42 वर्षीय गांगुली पर लंबे समय है, लेकिन पूर्व कप्तान ने स्पष्ट कह दिया कि वे राजनीति में नहीं आ रहे हैं. गत वर्ष लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्हें भाजपा की ओर से टिकट दिए जाने और खेलमंत्री बनाने की चर्चा उठी थी, लेकिन उस समय भी सौरभ ने राजनीति से इन्कार कर दिया था. वहीं इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि एक उद्योगपति के इस ट्वीट में कोई सच्चाई नहीं है कि सौरभ गांगुली पार्टी में शामिल होने वाले हैं. हालांकि पूर्व कप्तान के लिए हमारे मन में बहुत आदर व सम्मान है.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh