National Doctors' Day: हिंदी फिल्मों के इन डॉक्टर्स को याद करते ही आप कहेंगे कि लाइफ में डॉक्टर हो तो ऐसा
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Popular Doctors in Bollywood: अगर हम अपनी आंखें बंद करके एक डॉक्टर के बारे में सोचें, तो हमारे दिमाग में सबसे पहली चीज क्या आएगी? सफेद कपड़े पहने हुए एक इंसान, जिसके गले में स्टेथोस्कोप लटका है। क्यों है ना? हालांकि, ऐसा नहीं हैं अब डॅाक्टर्स सिर्फ सफेद और नीले कपड़ों में हमारे सामने नहीं आते। साथ ही अब सभी डॅाक्टर्स आपको सिर्फ हॉस्पिटल में ही देखने को मिलेंगे, ऐसा भी नहीं है। कोविड के बाद से हम सबको कई रियल लाइफ डॅाक्टर्स मिले हैं, जो न केवल हॉस्पिटल में मिलते हैं बल्कि वो हर पल हमारे आसपास रहकर हमें कई बार बिना दवाओं के हील करते हैं। आज नेशनल डॉक्टर्स डे पर मिलिए कुछ रील लाइफ बॉलीवुड डॉक्टर्स से, जिन्होंने हमें लाइफ में इंस्पायर किया है।
शाहिद कपूर - कबीर सिंह
फिल्म कबीर सिंह के बाद से शाहिद कपूर का करियर फिर से ट्रैक पर आ गया। इस फिल्म में शाहिद एक मनमौजी सर्जन डॉ. कबीर सिंह के रोल में दिखे, जिन्होनें अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल को काफी चैलेंज किया है। इस फिल्म के जरिए कबीर सिंह ने लोगों के मन में एक डॉक्टर की छवि की डेफिनेशन बदल दी है।
शाहरुख खान- डियर जिंदगी
फिल्म डियर जिंदगी में शाहरुख खान एक पैशनेट और इनसाइटफुल साइकोलॉजिस्ट डॉ. जहांगीर खान के रोल में नजर आए। जो आलिया भट्ट को अपनी जिंदगी का मकसद ढूंढने में मदद करता है। इस फिल्म के जरिए शाहरुख ने एक अच्छे डॉक्टर होने की वजह से किसी के जीवन पर क्या अच्छा असर पड़ सकता है, वो बताया है।
फिल्म 3 इडियट्स में करीना कपूर खान ने एक डिटरमाइंड मेडिकल स्टूडेंट पिया सहस्त्रबुद्धे का रोल प्ले किया। जो एक डेडिकेटेड हेल्थ केयर प्रोफेशनल है। फिल्म में करीना के रोल में उनकी पावरफुल परफार्मेंस ने मेडिकल लाइन में करियर बनाने की इंपॉर्टेंस को दिखाया है। संजय दत्त - मुन्नाभाई एमबीबीएस
फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस में, संजय दत्त ने मुरली प्रसाद शर्मा का रोल प्ले किया है। जो एक नकली डॉक्टर होता है और सबको दवा के बजाय हँसी और 'जादू की झप्पी' देता है। साथ ही फिल्म हमें सिखाती है कि कई बार जहां दवा काम नहीं आती वहां दुआ और थोड़ी सी केयर जरूर काम आती है।
अमिताभ बच्चन - आनंद
आइकॉनिक फिल्म आनंद में, अमिताभ बच्चन ने एक यंग डॉक्टर डॉ. भास्कर बनर्जी का रोल प्ले किया था। इस फिल्म में वो एक गंभीर रूप से बीमार मरीज के साथ अपना एक गहरा रिश्ता बना लेते है।फिल्म के जरिए अमिताभ बच्चन ने एक केयरिंग और एम्पैथिक डॉक्टर के रूप में मेडिकल ऑफिशियल के लिए एक बेंचमार्क सेट किया है, जो अपकमिंग जनरेशन को इंस्पायर करता है।