इराक़ में अमरीकी हवाई हमलों की कामयाबी के बावजूद चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने अमरीकी पत्रकार के क़त्ल का वीडियो जारी किया है.


इस्लामिक स्टेट का विस्तार सीरिया तक है. क्या अमरीका अब इस्लामिक स्टेट के पीछे सीरिया तक जाएगा.या इस्लामिक स्टेट भी चाहता है कि अमरीक और पश्चिमी देश उसके पीछे सीरिया तक आएँ?यदि ऐसा हुआ तो क्या होगा?पढ़िए पूर्व अमरीकी सहायक विदेश मंत्री पीजे क्राउली का विश्लेषणअमरीकी राष्ट्रपति सार्वजनिक रूप से बेहद सोच समझकर और अकेले में दो टूक बोलते हैं.जब बराक ओबामा ने स्पष्ट कहा कि 'हमारे पास इस्लामिक स्टेट से निपटने के लिए कोई रणनीति नहीं है' तो सब हैरान रह गए.इस तरह दो टूक बोलना समझदारी हो या न हो, लेकिन उनका उद्देश्य इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ अमरीकी सैन्य अभियान के इराक़ से सीरिया में विस्तार के क़यासों पर लगाम लगाना था.स्थानीय समर्थन
सोटलॉफ़ के क़त्ल के वीडियो में जिहादी ओबामा से पीछे हटने और मुसलमानों को अपने हालात पर छोड़ देने के लिए कहता है.बिना स्थानीय समर्थन के अमरीका का सीरिया में घुसना 2003 के इराक़ हमले की तरह ही जिहादी संगठनों के लिए नए लड़ाके भर्ती करने का बहाना होगा.अमरीका ने धीरे-धीरे इराक़ में इस्लामिक स्टेट पर दबाव बढ़ा दिया है.


अमरीकी हवाई हमलों की मदद से इराक़ी सैन्य बलों और क़ुर्द पेशमर्गा लड़ाकों ने इस्लामिक स्टेट के क़ब्ज़े से मोसूल बाँध सहित कुछ इलाक़ों को छुड़ा लिया है.बावजूद इसके इस्लामिक स्टेट ने डटे रहने की अपनी ताक़त और इराक़ और सीरिया के बड़े हिस्से पर शासन करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है. और इसलिए ही अमरीकी रक्षा मंत्री चक हेगल का कहना है कि इस्लामिक स्टेट चरमपंथी समूह से बढ़कर है.ईरान और रूसओबामा ने जब राष्ट्रपति बशर अल असद से पद छोड़ने के लिए कहा था तब वे सही थे. लेकिन उन्होंने उनकी टिके रहने की क्षमता और उन्हें बचाने के लिए दूसरे देश, ख़ासकर रूस, किस हद तक जा सकते हैं इसे कम आंका.वे उदार विरोधियों का समर्थन करते वक़्त सही थे, लेकिन जब उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, तब पर्याप्त मदद नहीं दी.एक साल सीरिया में रीसायनिक हथियारों के इस्तेमाल के जबाव में निर्णायक सैन्य का आह्वान करने का उनका फ़ैसला सही था लेकिन कार्रवाई न करने ने बशर अल असद को फिर से ताक़तवर बनने में मदद की और इस क्षेत्र में अमरीकी प्रभाव और नीतियों की विश्वस्नीयता को कम किया.इस्मालिक स्टेट का उदय एक गंभीर समस्या है. लेकिन यह अकेली और सबसे महत्वपूर्ण समस्या नहीं है.

सीरिया को दूर के चश्मे से देखते रहना ज़रूरी है.ये भी सच है कि इस्लामिक स्टेट का कोई समाधान नहीं है जब तक इराक़ के साथ-साथ सीरिया में भी सैन्य कार्रवाई न की जाए.इस्लामिक स्टेटदिलेरी?इस्लामिक स्टेट पश्चिम के लिए ख़तरा है, ख़ासकर पश्चिमी नागरिकों को युद्ध के मैदान की ओर आकर्षित करने की उसकी क्षमता.इस समय अमरीका या अन्य यूरोपीय देशों पर हमला करने के इस्लामिक स्टेट के इरादों या क्षमता पर यक़ीन न करने की कोई वजह नहीं है.लेकिन अभी भी प्रभावी रणनीति बनाने और उसे लागू करने के लिए सहयोगी जोड़ने के लिए वक्त है.राष्ट्रपति ओबामा को कांग्रेस का समर्थन भी मिल सकता है.अगले कुछ हफ़्तों में कांग्रेस अमरीका को सीरिया के भीतर सैन्य कार्रवाई करने की अनुमति दे सकती है. एक साल पहले वे इसके लिए तैयार नहीं थे.सीरिया में हवाई हमले करने समाधान का हिस्सा हो सकते हैं.अंततः ये क़दम उठाना दिलेरी नहीं रणनीति है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh