सबसे लंबा रन-अप लेने वाले इस गेंदबाज ने टाई करवाया था पहला टेस्ट मैच
कानपुर। 12 सितंबर 1937 को जन्में कैरेबियाई तेज गेंदबाज वेस हॉल का पूरा नाम वेसले विनफील्ड हॉल था। आज 81 साल के हो चुके हॉल से जुड़े एक यादगार मैच की बात करते हैं। आमतौर पर टेस्ट क्रिकेट में या तो जीत-हार मिलती है या फिर मैच ड्रा होता है। मगर वेस हॉल की जादुई गेंदबाजी का नतीजा है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहला टेस्ट टाई करवाया। सच तो ये इसके पहले शायद ही किसी ने उम्मीद की थी कि क्रिकेट टेस्ट मैच में ऐसा भी हो सकता है। क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच दिसंबर 1960 को 498वां अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट मैच खेला गया था। यह पहला टेस्ट मैच था जो टाई हुआ। अब तक टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसे दो ही मौके आए हैं, जब मैच टाई हुआ है। दूसरा टाई मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1986 में हुआ था।
क्या थी इस टेस्ट मैच की कहानी
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में गाबा क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज़ की क्रिकेट टीम के बीच फ्रैंक वॉरेल सिरीज़ का पहला टेस्ट 9 दिसंबर, 1960 को शुरू हुआ। इस मैच में कैरिबियाई टीम का पलड़ा भारी माना जा रहा था, क्योंकि फ्रैंक वॉरेल की कप्तानी वाली टीम में गैरी सोर्बस और रोहन कन्हाई जैसे दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे। हालाकि मेजबान ऑस्ट्रेलियाई टीम भी कहीं से कम नहीं थी जो रिची बेनो की कप्तानी में खेल रही थी। पहले दिन ही गैरी सोर्बस ने जबरदस्त 132 रन की पारी खेली और विंडीज की पहली पारी 453 रनों पर खत्म हुई। जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने नॉर्म ओनील की 181 रनों की पारी की मदद से 505 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया और उसे 52 रनों की लीड मिल गयी।
दूसरी इनिंग्स में वेस्ट इंडीज के लिए रोहन कन्हाई के 54 रन और फ्रैंक वॉरेल के 65 रन की पारी खेली लेकिन टीम 284 रन बनाकर आउट हो गई। इस कमाल में ऑस्ट्रेलिया के लिए पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले एलन डेविडसन ने दूसरी पारी में भी छह विकेट लेकर अहम योगदान दिया। अब मैच का आखिरी दिन यानी 14 दिसंबर आया जब ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी शुरू की। उसे जीत के लिए 233 रन बनाने थे, लेकिन सामने थे वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज वेस हॉल जो कंगारुओं के लिए कठिन चुनौती साबित हो रहे थे। वेस हॉल के नाम सबसे लंबा रन-अप का रिकॉर्ड है। टी टाइम तक ऑस्ट्रेलिया छह विकेट गंवा चुकी थी और स्कोर बोर्ड पर केवल 109 रन दिखाई दे रहे थे। कप्तान रिची बेनो ऑलराउंडर एलन डेविडसन के साथ क्रीज़ पर मौजूद थे। ब्रेक के बाद सातवें विकेट के लिए बेनो ने डेविडसन के साथ रिकॉर्ड 134 रन जोड़े। ऐसा लगने लगा की ऑस्ट्रेलिया जीत के करीब पहुंच गयी है। तभी जब टीम को बस सात रन चाहिए थे डेविडसन 80 रन बनाकर आउट हो गए।वो आखिरी ओवर
अब मैच के आखिरी ओवर में ऑस्ट्रेलिया को आठ गेंद में छह रन बनाने थे क्योंकि उस समय एक ओवर में आठ गेंदें फेंकी जाती थी और उसके हाथ में तीन विकेट बाक़ी थे। सबको लगा ऑस्ट्रेलिया बस जीतने वाली है, लेकिन वेस का इरादा तो कुछ और ही था। पहली गेंद पर एक रन गया। दूसरी गेंद पर विकेट गिरा अब कंगारुओं को जीत के लिए 6 गेंदों में 5 रन बनाने थे मगर विकेट बचे थे दो। तीसरी गेंद डॉट रही। चौथी गेंद पर बॉई का एक रन मिला। पांचवीं गेंद पर सिंगल गया अब बचे तीन बॉल पर तीन रन। छठी गेंद पर दो रन गए और तीसरे रन के चक्कर में बल्लेबाज रन आउट हो गया। अब बचे थे दो गेंद पर एक रन। दोनों टीमों का स्कोर बराबर हो गया था मगर आखिरी गेंद पर बल्लेबाज एक रन के लिए भागा मगर रनआउट हो गया। इस तरह यह मैच टाई रहा।टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने वाले पहले भारतीय को 12 साल तक टीम में नहीं रखा गयावो भारतीय क्रिकेटर जिसने खुद पढ़ी अपनी मौत की खबर, आज भी हैं जीवित