श्रेयस तलपड़े बोले, 'शख्स ह्मूमरस हो तो किसी से भी अपने मन की बात मजाक में कह सकता है'
मुंबई (आईएएनएस)। एक्टर प्रोड्यूसर श्रेयस तलपड़े को लगता है कि व्यक्ति ह्यूमर के साथ में काफी सारी बातें बोल सकता है और वो वही करते हैं अपने प्रोजेक्ट्स के साथ। अभिनेता ने टेलीप्ले पर काम किया है और उन्हें लगता है कि ये एक मजबूत सामाजिक संदेश देता है। श्रेयस तलपड़े ने कहा, 'मुझे पर्सनली टेलीप्ले का फार्मैट बहुत पसंद है इसलिए मैंने इसे किया। टेलीप्ले पर काम करने का मेरा एक्सपीरियंस बहुत शानदार रहा है। ये काफी चैलेंजिंग है पर इस तरह के फारमैट को अभी और एक्सप्लोर करने की जरुरत है।'
70 के दशक का बड़ा प्ले है येश्रेयस ने आगे कहा, 'टेलीप्ले एक मराठी प्ले पहीजी जटीके का एडेप्शन है। ये प्ले 70 के दशक में आया था जिसने समाझ में फैले कास्ट सिस्टम पर चोट की थी। किस तरह ये स्टोरी इंडिया के लिए प्रसेंट काॅनटेक्स्ट में जरुरी है ये तो सभी जानते हैं।श्रेयस इसमें महीपत बबरुवहान का रोल प्ले कर रहे हैं जो अपनी जाती का पहला व्यक्ति था जिसनें पूरे गांव भर में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी। वो एक काॅलेज में प्रोफेशर बनना चाहता था। इस प्ले में यही दिखाया जाएगा कि उसने अपने सपने पूरे करने के लिए क्या- क्या किया। उसकी स्क्रिप्ट में कई लेयर थीं और वो इंटरटेनिंग थी।'
अब तक 2500 थियेटर शोज कर चुके श्रेयसएक्टर ने कहा, 'टाइपकास्ट इंटरटेनिंग के साथ- साथ स्ट्राॅन्ग सोशल मैसेज भी लिए हुए है। मैं हमेशा भरोसा करता हूं कि आप ह्यूमर के साथ कुछ भी कह सकते हैं। ह्यूमर में कही गई बातें चुभती ज्यादा हैं। 1990 से 2005 तक मैं करीब 2500 शो के आसपास हो जाऊंगा वो भी डिफ्रेंट प्रोडक्शन और प्रोफेशनल स्टेजेस पर। हिंदी, मराठी, इंगलिश, उर्दू सभी भाषाओं में स्टेज के लिए मेरा प्यार बराबर रहता है। मैं आज जो भी हूं क्योंकि थियेटर ही है जो आपको ग्रूम करता है और आपको आगे बढ़ने की हिम्मत देता है और ये सब सिर्फ थियेटर की वजह से ही हो पा रहा है।'