क्या आप कभी सोने की स्याही से लिखित और नीलम जडि़त दुर्लभ व पुरातन श्री ग्रंथ साहिब जी के दर्शन करना चाहते हैं? यदि हां तो इसके लिए आपको शाही शहर पटियाला आना होगा. पंजाबी यूनिवर्सिटी के श्री गुरु ग्रंथ साहिब अध्ययन विभाग में महाराजा रंजीत सिंह के काल से संबंधित यह अनमोल श्री गुरु ग्रंथ साहिब सहेजकर रखा गया है. यह ग्रंथ 24 कैरेट सोने की स्याही से लिखा हुआ है. इस स्याही की चमक आज भी बरकरार है. इतना ही नहीं विभाग में 568 हस्तलिखित दुर्लभ और प्राचीन ग्रंथों के खजाने को डिजिटलाइजेशन कर संभालने का काम भी पूरा कर लिया गया है.

अनमोल विरासत का भंडार है पटियाला
विभाग के प्रमुख डॉ. सर्वजिंदर सिंह ने जागरण से बताया कि पटियाला की अनमोल विरासत का देश ही नहीं विदेश में भी कोई सानी नहीं है. विभाग में 260 हस्तलिखित श्री गुरु ग्रंथ साहिब, 44 श्री गुरु गोबिंद सिंह का लिखित श्री दशम ग्रंथ साहिब और 272 पोथियां भी मौजूद हैं. यह हस्तलिखित ग्रंथ 1604 ई. से लेकर 20वीं सदी से संबंधित हैं. विभाग में तीन नीलम जडि़त व सोने की स्याही से लिखित श्री गुरु ग्रंथ साहिब भी विद्यमान हैं. डॉ. सर्वजिंदर सिंह ने बताया कि ये तीनों श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराजा रंजीत सिंह के काल से संबंधित हैं. इसमें हर पन्ने पर नीलम व अन्य कीमती नग लगे हुए हैं.

24 कैरेट सोने की स्याही

24 कैरेट सोने की स्याही से लिखे इस दुर्लभ ग्रंथ के अंत में इसके पन्नों के निर्माण और इसमें प्रयुक्त होने वाली स्याही के बारे विस्तृत जानकारी भी अंकित हैं. जिस ढंग से इसमें नग लगे हुए हैं, इसकी कीमत करोड़ों रुपये में है. इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनको पूर्ण करने का जिम्मा कोई महाराजा ही उठा सकता है. इन ग्रंथों में कश्मीरी चित्रकारी के साथ गुरु साहिबान की फोटो भी सुशोभित हैं. कुछ ग्रंथ गुरमुखी, शाहमुखी, उर्दू, और देवनागरी भाषा में भी संग्रहीत हैं.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari