Shravan 2019: जानें भगवान शिव पर बेल पत्र चढ़ाने का महत्व, 3 जन्मों के पापों से मिलती है मुक्ति
शास्त्रों में कहा जाता है, सावन के पावन मौके पर भोलेनाथ को बिल्व पत्र जरूर अर्पित करना चाहिए। समुद्र मंथन से उत्पन्न हलाहल विष के पान से महादेव का शरीर अत्यंत गर्म हो गया था। इसलिए उस विष की अग्नि को शांति करने के लिए भगवान शिव को ठंडी वस्तुएं जैसे गंगाजल दूध और बिल पत्र छाया जाता है। इससे महादेव का मस्तक शीतल होता है। शिव पुराण में कहा गया है कि पूजन में कोई वस्तु उपलब्ध ना हो तो पत्र ही अर्पित कर दें। इससे पूजन संपूर्ण हो जाता है।कैसे अर्पित करें भोले बाबा को बेल पत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से ओम नमः शिवाय लिखकर अर्पण करना चाहिए। शिव पूजन में संख्या का बहुत ही महत्व होता है। अतः श्रावण के सोमवार को 11, 21,108, 1008, 100008 दल पत्र अर्पित करके भगवान शिव से मनचाही शिव कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
Shravan 2019: श्रावण, सोम, प्रदोष के त्रिशुभ योग में करें ज्योतिर्लिंग पूजन, जानें ये 12 कारगर मंत्रबिल्वपत्र चुनते समय रखें सावधानी
बिल्व पत्रों छिद्रों रहित नहीं होना चाहिए। तीन पत्ती वाली कोमल अखंड बिल्व पत्र को ही चुनना चाहिए। बिल्व पत्र में चक्र नहीं होना चाहिए। बिल्व पत्र में सफेद दाग नहीं होना चाहिए। बेलपत्र हमेशा साफ करके ही पूजा सामग्री में रखना चाहिए। हालांकि कुछ तिथियों में बेल पत्र तोड़ने की मनाही है। उस वक्त बांसी वासु के बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ा सकते हैं।पंडित दीपक पांडेयShravan 2019: शरीर के इन अंगों में भस्म से लगाएं त्रिपुण्ड, भगवान शिव जरूर देंगे भोग और मोक्ष का वरदान