पाकिस्तान के शहर चकवाल में कटासराज के ऐतिहासिक शिव मंदिर में महाशिवरात्रि पर पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदुओं ने पूजा-अर्चना की. पाकिस्तानी श्रद्धालुओं के अलावा भारत से भी लोग वहां महाशिवरात्रि मनाने पहुंचे थे.


भारत के अलग-अलग शहरों से 158 यात्री मंगलवार को वाघा बॉर्डर के रास्ते लाहौर पहुंचे थे. महाशिरात्रि पर तीन दिन तक चलने वाले धार्मिक कार्यक्रम की शुरुआत मंगलवार की रात हो गई थी.यात्रियों ने महाशिवरात्रि के अवसर पर पवित्र तालाब में स्नान किया और धार्मिक संस्कार निभाते रहे.गुजरात के अहमदाबाद से पहली बार कटासराज यात्रा के लिए आई नारायण बाई ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, "मुझे बेहद ख़ुशी है कि हम शिवरात्रि के पावन अवसर पर कटासराज आए हैं. पाकिस्तान से हमें बहुत प्यार मिला, यहां पर सुरक्षा बहुत बढ़िया है."उन्होंने कहा, "पाकिस्तान सरकार ने हमारा बहुत ख्याल रखा.''"खुशी बयान करना मुश्किल"लाहौर से ही आई हुमा रानी का कहना था कि 'महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है और उन्हें बहुत ख़ुशी है कि वह  महाशिवरात्रि के लिए लाहौर से वहां आई हैं'.
उनका कहना था, "महाशिवरात्रि के लिए व्यवस्था बहुत अच्छी की गई है और मेरी इच्छा है कि देश के दूसरे बड़े मंदिरों की तरह यहां भी बड़े पैमाने पर महाशिवरात्रि की रस्मों का पालन किया जाए."

Posted By: Subhesh Sharma