9-5 वाले शेड्यूल से हटकर दूसरी शिफ्टों में काम करने वाले वर्कर्स में बीमारियों का खतरा अधिक
1593 लोगों पर शोध किया आज के दौर में हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा काफी बढती जा रही है. हर कंपनी अपने काम के स्तर को ऊपर बढाकर दूसरी कंपनियों से आगे जाना चाहती है. जिनमें सूचना एवं तकनीक के क्षेत्र की कंपनियां ज्यादा हैं. ऐसे में इन कंपनियों में अब 24 घंटे लगातार काम होता है. हालांकि कि इसके लिए वे अपने वर्कर्स की शिफ्ट डिवाइड कर देती हैं ताकि वे आराम से काम कर सकें. बावजूद इसके इन कंपनियों में काम करने वाले इंप्लाइज बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. जो उनके लिए एक चिंता का विषय है. इस बात का खुलासा हाल ही में 2008-2012 तक हेल्थ ऑफ विसकोंसिन के सर्वे में शोधकर्ताओं ने जुटाए हैं. इस दौरान करीब 1593 लोगों पर काफी गहराई से शोध किया गया है.ड्यूटी के बाद घंटो ओवरटाइम
जर्नल स्लीप हेल्थ में प्रकाशित एक स्टडी की मानें तो लगातार काम को लेकर वर्तमान में शिफ्टों का यह जो सिस्टम है, वह कंपनी के कर्मचारियों के लिए हार्मपुल साबित हो सकता है, क्योंकि जो भी कर्मचारी 9-5 वाले फिक्स्ड शेड्यूल से हटकर दूसरी शिफ्ट में काम करते हैं वे ज्यादा बीमार होते हैं. शोध में इस बात पर पूरा खुलासा हुआ है. उनमें मोटापा, शुगर, ब्लडप्रेशर आदि बीमारियां तेजी से पनपने की आशंका रहती है, क्योंकि इस दौरान उनका खान पान, उनकी नींद आदि सब प्रभावित होती है. इसके अलावा जो लोग ड्यूटी के बाद घंटो ओवरटाइम करते हैं वे भी इन बीमारियों में घिर सकते है.
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