क्रिकेट बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार को मिटाने का शशांक मनोहर ने किया वादा
दूसरी बार बने हैं भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष
वकील से प्रशासक बने शशांक मनोहर को चार साल बाद रविवार को दूसरी बार निर्विरोध भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) का अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने कई सुधारवादी कदमों की घोषणा करके क्रिकेट बोर्ड को पाक साफ करके खेल की विश्वसनीयता को दोबारा बरकरार करने का भरोसा दिलाया। इसके साथ ही बोर्ड में नए युग की शुरुआत हो गई है। पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का वर्चस्व भी खत्म हुआ। मनोहर इससे पहले 2008-2011 के बीच तीन साल अध्यक्ष रहे।
बोर्ड की छवि करेंगे ठीक
आम सभा की विशेष बैठक (एसजीए) में दूसरे कार्यकाल के लिए अध्यक्ष चुने जाने के बाद 58 वर्षीय मनोहर ने कहा कि उनकी शीर्ष प्राथमिकता बोर्ड की छवि को दोबारा ठीक करना है और उन्होंने बोर्ड में चीजों को सही करने के लिए दो महीने का समय मांगा। मनोहर ने जिन सुधारवादी कदमों की घोषणा की उनमें हितों का टकराव जैसे विवादास्पद मुद्दों से निपटने के लिए लोकपाल की नियुक्तिभी शामिल है। मनोहर ने कहा कि वह केंद्र सरकार के अधिकारियों से चर्चा करना चाहते हैं कि क्या किसी जांच एजेंसी को बीसीसीआइ के साथ जोड़ा जा सकता है। ऐसी योजना इसलिए बनाई जा रही है, क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में बीसीसीआइ के पास जांच करने का अधिकार नहीं है।
नैतिक अधिकारी की होगी नियुक्ति
बोर्ड के निर्बाध संचालन के लिए मनोहर की सुधारवादी कदमों की योजना में नैतिक अधिकारी की नियुक्तिसर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआइ ने खिलाडिय़ों, कोचों और स्टाफ के लिए नियम बनाए हैं। हम लोकपाल या नैतिक अधिकारी की नियुक्तिकी योजना बना रहे हैं, जो बोर्ड से स्वतंत्र रहकर हितों के टकराव संबंधी शिकायतों पर गौर कर सके। साथ ही हमें खेल को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए नियम तैयार करने होंगे। हम खिलाडिय़ों को शिक्षित करने के लिए अधिक कार्यक्रम करेंगे।
औपचारिकता ही थी शशांक की नियुक्ति
जगमोहन डालमिया के निधन के बाद चुनाव दोबारा कराने की जरूरत पड़ी। पूर्व क्षेत्र की सभी छह इकाइयों ने सर्वसम्मति से मनोहर की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया, जो बोर्ड की राजनीति में पूर्व प्रमुख श्रीनिवासन के घटते दबदबे का भी संकेत है। एसजीएम में अध्यक्ष पद पर मनोहर की नियुक्ति महज औपचारिकता थी। मनोहर इस पद के लिए नामांकन भरने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे।
श्रीनि से ठाकुर के खिलाफ मामला वापस लेने का आग्रह
इस बीच पता चला है कि बीसीसीआइ अध्यक्ष शशांक मनोहर ने रविवार को श्रीनिवासन से आग्रह किया कि वह झूठी गवाही के आरोप में बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर के खिलाफ उनके द्वारा दायर याचिका को वापस लेने पर विचार करें। पता चला है कि मनोहर ने तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) के प्रतिनिधि पीएस रमन से कहा कि वह यह संदेश श्रीनिवासन तक पहुंचा दें। एसजीएमके दौरान मौजूद बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि मनोहर ने रमन से कहा कि वे उन मुद्दों पर कानूनी प्रक्रिया से बच सकते हैं जिन्हें आंतरिक चर्चा के जरिये सुलझाया जा सकता है, क्योंकि बोर्ड के मामले एक फोरम के अंदर सुलझने चाहिए।