Shani Jayanti 2020: शनि जयंती पर रखें इन बातों का विशेष ध्यान
Shani Jayanti 2020: शनिदेव को न्याय के देवता कहा जाता है. कहते हैं शनि भगवान कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं. शनि देव अपने भोग काल में उन्हीं को नुकसान पहुंचाते हैं जिनके कर्म बुरे होते हैं. जिन जातकों के कर्म अच्छे होते हैं शनि भगवान उनके साथ अच्छा ही करते हैं. शनि जयंती पर विधिविधान से शनिदेव की पूजा करने और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ये अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन शनिदेव की पूजा अर्चना करने का विशेष फल प्राप्त होता है, शनिदेव भक्तों के कष्ट दूर करते हैं और उन्हें सच्चाई और मेहनत के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।
आइए जानते हैं शनि जयंती पर क्या करें और क्या ना करेंशनि जयंती पर इन कार्यों को करने से बचें
-पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शनि देव की मूर्ति के दर्शन करते समय उनकी आंखों में नहीं देखना चाहिए।
-शनि जयंती पर बाल ना कटवाएं, नाखून ना काटें। ऐसा कहा जाता है कि इससे आर्थिक तरक्की रुक जाती है।
-अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं लेकिन शनिवार के अलावा अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करना चाहिए इसलिए पूजा करें लेकिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श ना करें. इससे धन की हानि होती है।
-इस दिन पैसे का लेन-देन से बचने की कोशिश करें. किसी से कर्ज बिल्कुल ना लें।
-इस दिन पवित्र पौधों पर से जैसे तुलसी, दुर्वा, बिल्व पत्र, पीपल के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।
-अमावस्या के दिन जरूरी हो तो ही यात्रा करें, यात्रा बाद में करना ही बेहतर है।
-शनि जयंती के दिन कांच की वस्तुएं नहीं खरीदना चाहिए।
-अमावस्या के दिन नए कोरे वस्त्र और नए जूते नहीं खरीदने चाहिए और ना ही इस दिन नए कपड़े पहनने चाहिए।
-शनि जयंती के दिन किसी भी तरह बुरे आचरण से बचें. झूठ बोलने, क्रोध करने और किसी की संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश ना करें।
-शनिदेव को तामसिक प्रवृत्ति के लोगों और भोग विलास की वस्तुओं से सख्त नफरत होती है। इसी बात का ध्यान रखते हुए आपको इस दिन भूल से भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। बेहतर होगा कि इस अगर आप पूरे परिवार के साथ काली उड़द की खिचड़ी बनाकर खाएं। इससे शनि की ग्रहदशा भी दूर होती है।
-कहा जाता है कि सरसों का तेल, लकड़ी और काली उड़द का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। लेकिन अगर आप भूल से भी शनि जयंती पर इन चीजों को खरीदकर घर लाते हैं तो आपको शनिदेव की बुरी नजर का सामना करना पड़ सकता है। आप चाहें तो घर में पहले से मौजूद इन चीजों का दान कर सकते हैं।
शनि जयंती पर ऐसा करने से मिलता है पुण्यफल
-पूजा-पाठ करने के पश्चात काला कपड़ा, काली दाल, लोहे की वस्तु आदि का दान अवश्य करें, मान्यता है कि ऐसा करने से भी शनिदेव कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं।
-माना जाता है कि तिल, उड़द, मूंगफली का तेल, काली मिर्च, आचार, लौंग, काला नमक आदि के प्रयोग से भी शनि महाराज प्रसन्न होते हैं।
-इसके अलावा, एक कटोरी तिल का तेल में अपना चेहरा देखने के बाद इसे शनि मंदिर में रख आएं। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
-मान्यता है कि शनि देव के साथ हनुमान जी के भी दर्शन और पूजा करने से शनि दोष से जल्दी छुटकारा मिलता है। शनिदेव के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। धार्मिक कथाओं के अनुसार शनि देव ने हनुमान जी को ये वचन दिया है कि आपके भक्तों पर पर मेरी बुरी नजर नहीं पडे़गी। हनुमान जी की पूजा करने से शनि के अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं। नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी का आशीर्वाद मिलता है और संकटों से छुटकारा मिलता है।
-शनि जयंती के दिन शनि देव को भोग अवश्य लगाएं। अगर इस दिन संभव हो तो व्रत भी रखना चाहिए। इस दिन व्रत रखने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
-शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन शनि देव को नीले पुष्प अर्पित करने चाहिए। शनि देव के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए शनि चालीसा का पाठ भी किया जाता है। -शनि जयंती के दिन दान का बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन दान करने से शनि देव का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार दान अवश्य करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए तेल का दान करना चाहिए।
-पीपल के पेड़ के नीचे शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं। इसके बाद पीपल के पेड़ पर केसर, चन्दन, फूल आदि अपिर्त करके तेल का दीपक जलाएं।
- चीटियों को काला तिल और गुड़ खिलाएं। चमड़े के जूते चप्पल गरीबों में दान करें। अगर नीलम धारण किया हुआ है तो इसे शनि जयंती के दिन उतार दें।