शमा सिकंदर ने अपने डिप्रेशन व बाईपोलर डिसऑर्डर पर की बात, कहा 5 वर्षों तक घुट-घुट कर मरती रही
नई दिल्ली (आईएएनएस)। शमा सिकंदर अपने डिप्रेशन और बाईपोलर डिस्ऑर्डर को लेकर अकसर खुलकर बातें करती हैं। शमा सिकंदर ने बताया कि ये 5 साल कितने दर्ददाई रहे हैं इसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। इसमें मैंने कई बार मरने के लिए भी सोचा था। 2016 में जब शमा सीरीयल 'ये मेरी लाइफ है' में पूजा नाम का किरदार निभा रही थीं तब वो अपने स्ट्रगल्स के बारे में बताया करती थीं। शमा ने इंटरव्यू में कहा, 'ये किसी की जिंदगी का बहुत बुरा दौर हो सकता है। हर पल ऐसा लगता था कि ये आखिरी पल है। आपको पता भी नहीं होता की आगे क्या होने वाली है। एक जरुरत जो इंसान को जिंदा रखती है वो ही खत्म हो जाती है। हमारे पास जीने की कोई इच्छा नहीं होती। उस पल आपको लगता है कि जिंदगी जीने का कोई मतलब नहीं होता।'
डिप्रेशन या बाइपोलर डिस्ऑर्डर को ऐसे किया डील
शमा ने आगे कहा, 'डिप्रेशन या बाइपोलर डिस्ऑर्डर मेंटल हेल्थ की सिच्युएशंस होती हैं जहां आप जिंदगी जीने की उम्मीद छोड़ देते हैं और वो किसी इंसान की जिंदगी का बुरा दौर होता है।' एक्ट्रेस ने आगे कहा, 'ये बहुत ही बुरा दौर होता है जिससे एक इंसान होकर गुजरता है। अगर आप उसमें सर्वाइव कर जाते हैं तो आप किसी भी सिच्युएशन में जी सकते हैं, इस महामारी में भी।' शमा इसे अपना पुनर्जन्म मानती हैं। उन्होंने कहा, 'जो चीज आप को मौत के डर से हो कर गुजार दे पर मार न पाए वो आपको और स्ट्राॅन्ग बना देती है। हम सभी में वो ताकत होती है। बस हममे से कुछ लोग उस स्ट्रेंथ तक पहुंचने से पहले ही हिम्मत हार जाते हैं।'
5 सालों तक हर दिन मरती रहीं शमाशमा बोलीं मैं पिछले 5 सालों से हर दिन मर रही थी। मुझे लगता था कि मैं जाने कब मर जाऊं और मेरे लिए आगे कुछ बचा भी नहीं था कि मैं जी लूं। वो आगे कहती हैं, 'पर हो सकता है कि मैं खुद को जितना स्ट्राॅन्ग समझती हूं मैं उससे कहीं ज्यादा हूं। मेरा वही एटीट्यूड मुझे जिंदगी की ओर वापिस ले आया और मुझे जीने का पर्पस दिया। इतने अंधेरे के बाद फिर रोशनी नजर आई। ये मेरे लिए नया जन्म था। इसलिए मैं लोगों से बताना चाहती हूं कि आपके साथ कुछ ऐसा हो तो हिम्मत न हारें रोशनी की किरण रास्ता दिखाएगी।'