पर्दे पर 'कबीर सिंह' का रोल करके जबरदस्त सक्सेस हासिल करने वाले शाहिद कपूर के इस किरदार का काफी क्रिटिसिज्म भी हुआ। इस एक्टर का कहना है कि उन्होंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया और वे ऑडियंस के दिमाग से खेलने में यकीन नहीं रखते हैं...


कानपुर (फीचर डेस्क)। शाहिद कपूर की आखिरी मूवी कबीर सिंह, जिसने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के नए रिकाॅर्ड्स बनाए हैं, ने रोमांस और एक रिलेशनशिप में मौजूद कड़वाहट को लेकर अलग तरह की बहस भी शुरू कर दी है। इस मूवी के हीरो का काफी क्रिटिसिज्म हुआ था, जिसको लेकर शाहिद का कहना है, 'ऑडियंस के सामने सच्ची तस्वीर खींचना एक एक्टर की पहली जिम्मेदारी होती है पर मुझे लगता है कि ऐसा कभी-कभार ही होता है। यही वजह है कि लोग बहुत ज्यादा केयरफुल हो गए हैं कि 'अगर मैं वो करूंगा तो लोग मुझे पसंद करेंगे, अगर मैं ये करूंगा तो वे मुझे पसंद नहीं करेंगे। यह खुद को ऑडियंस के पसंद करवाने के लिए उनके साथ हेरा-फेरी करने जैसा है।'नापसंद करना भी है एक कॉम्प्लिमेंट


इस एक्टर का कहना है कि जब ऑडियंस उनकी तरफ सख्त होकर रिएक्ट करती है तो यह उनका हौसला बढ़ाता है। शाहिद के मुताबिक, 'अगर किसी खास वक्त पर वे मुझे नापसंद करते हैं तो मैं इसे एक बड़े कॉम्प्लिमेंट की तरह लूंगा। एक्टिंग इसी का तो नाम है। आपको एक किरदार निभाना होता है और जिंदगी जैसी है उसे वैसे ही दिखाना होता है।'किरदार का हर पहलू दिखाना है जरूरी

शाहिद बताते हैं कि उनकी असल जिंदगी में भी कोई ऐसा इंसान नहीं है जिसने उन्हें हर मौके पर प्यार किया हो। उन्होंने कहा, 'मैं ऐसे वक्त से भी गुजरा हूं जहां शायद मेरे पेरेंट्स ने भी मुझे पसंद नहीं किया होगा। अगर मैं एक किरदार निभा रहा हूं तो मैं उसका हर पहलू क्यों न दिखाऊं? हम उसकी नकली सच्चाई क्यों क्रिएट करें? आज उस मूवी ने, जो रियल और रॉ है, 280 करोड़ रुपए कमाए हैं। हमें जागना होगा और समझना होगा कि ऑडियंस थोड़ा बहुत सच भी देखना चाहती है। वे 'वन डायमेंशनल' मूवीज नहीं देखना चाहते।'शाहिद बोले सब 'कबीर सिंह' के पीछे क्यों पड़े हैं, एक बात में तो शाहरुख और रणबीर को भी घसीटा'सब ऑडियंस की समझ पर छोड़ दें'

इस एक्टर का यह भी मानना है कि जब ऑडियंस स्क्रीन पर कोई किरदार देखती है तो उन्हें अपना दिमाग यूज करने की आजादी होनी चाहिए। शाहिद बोले, 'ऑडियंस को लेकर मेरी जिम्मेदारी यह है कि मैं उन्हें अच्छी और सच्ची परफॉर्मेंस दूं। मेरा किरदार जैसा बर्ताव कर रहा है, वैसा क्यों कर रहा है, इसके पीछे की वजह क्या है? यह ऑडियंस की समझ पर छोडना चाहिए। क्या वे उसके बिहेवियर से इत्तेफाख रखते हैं या नहीं, यह उन लोगों पर ही छोड़ दिया जाना चाहिए। सिनेमा का मतलब ही जिंदगी की सच्चाई बताना है।'features@inext.co.inतापसी बोलीं मेहनत पर पानी फेर गया 'कबीर सिंह', हार नहीं मानी और जुट गईं नई फिल्म में

Posted By: Vandana Sharma