तमिलनाडु में बैलों व सांडों पर काबू पाने के पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। जिससे वहां पर विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। लोगों का कहना है कि यह हजारों साल पुराना रिवाज है। इससे रोक हटना जरूरी है। हालांकि इस जगह पर यह जानना जरूरी है कि भारत में जल्‍लीकट्टू अकेला नहीं बल्‍कि यहां पर और भी कई रोमांचक खेल हैं। खास बात तो यह है कि इन खतरनाक खेलों को लोग परंपराओं से जुड़ा मानते हैं...


ऊंट दौड़:कैमेल रेस यानी कि ऊंट दौड़ का खेल पुष्कर मेले में खेला जाता है। राजस्थान का मशहूर मेला पुष्कर में यह ऊंट दौड़ होती है। यह यहां पर काफी पुराना खेल है। यहां पर इस खेल में शामिल होने वाले ऊंट, घोड़े और घोड़ियां काफी अच्छे से सजे होते हैं। इसे देखने के लिए लोग काफी दूर-दूर से आते हैं। वल्लम काली:यह खेल भी भारतीय परंपरा से जुड़ा है। यह केरल में आयोजित होता है। ओनम के मौके पर इसमें एक सर्पाकार नाव में लोग बैठते हैं। इसमें काफी रिस्क होत है, लेकिन लोग आज भी इसे खेल में शामिल होते हैं। इस रोमांचक खेल को देखने के लिए लोगों की भीड़ होती है। तीरंदाजी:
तीरंदाजी जैसे प्राचीन खेल की उत्पत्ति भारत में ही हुई है। मणिपुर की तरफ यह खेल आज भी पॉपुलर है। यह भी काफी रोमांचक खेल है। इसमे घोड़े पर बैठकर लोगों को निशाना लगाना होता है। यहां पर यह खेल आज भी खास त्योहारों पर बड़े स्तर पर आयोजित होता है। इन्होंने कॉरपोरेट जॉब को कह दिया अलविदा ताकि न रहे शहर में कोई भूखा और बेघर


कबड्डी:यह खेल आज भी भारत में ग्रामीण इलाकों में खूब खेला जाता है। इसमें दो टीमें आमने सामने होती है। यह खेल काफी सस्ता है। इसमें किसी सामान की नहीं बल्कि दिमाग और ताकत की जरूरत होती है। त्योहारों आदि के मौके पर आज भी कबड्डी आदि के टूर्नामेंट होते हैं। सिर्फ 19 दिन सीएम कुर्सी पर बैठने के लिए चुनाव लड़े थे यूपी के यह मुख्यमंत्री

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Posted By: Shweta Mishra