यूपी में खुलेंगे सात नये मेडिकल कॉलेज, कैबिनेट मीटिंग में लिए गए कर्इ आैर बड़े फैसले
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LUCKNOW : कैबिनेट ने प्रदेश में सात नये मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। ये मेडिकल कॉलेज एटा, देवरिया, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर में खोले जाएंगे। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि एटा में 216.84 करोड़ व फतेहपुर में 212.45 करोड़ की लागत से सीएंडडीएस इसका निर्माण करेगा। इसी तरह देवरिया में 207.।91 करोड़, गाजीपुर में 220.45 करोड़, हरदोई में 206.33 करोड़, प्रतापगढ़ में 213 करोड़ व सिद्धार्थनगर में 245.11 करोड़ की लागत से उप्र राजकीय निर्माण निगम मेडिकल कॉलेज का निर्माण करेगा। केंद्र सरकार की मदद से बनने वाले इन मेडिकल कॉलेज के लिए 60 फीसद धनराशि केंद्र सरकार द्वारा तथा 40 फीसद राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इन सभी का काम दीवाली से पहले शुरू करने की कवायद जोरों पर है।
नई खांडसारी नीति को मंजूरी
कैबिनेट ने सूबे में नई खांडसारी नीति को लागू करने की मंजूरी दे दी है। इससे गन्ना किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और उनकी फसल मुंहमांगे दामों हाथों-हाथ बिक सकेगी। नई नीति में चीनी मिल की 15 किमी की परिधि में खांडसारी उद्योग न लगाने के नियम को सरल करके 7.5 किमी कर दिया गया है। गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि इस नियम की वजह से सूबे में खांडसारी उद्योग खत्म होने की कगार पर आ गया था। वर्ष 1995-96 में सूबे में जहां 1082 खांडसारी उद्योग थे, वे अब घटकर मात्र 165 रह गये हैं। इसके अलावा लाइसेंस के रिनीवल पर अब सुप्त अवस्था अवधि का कोई शुल्क नहीं देना होगा। लाइसेंस के ऑनलाइन आवेदन के 50 घंटे के भीतर सहायक चीनी आयुक्त को अनुमति देनी होगी। ऐसा न करने पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा यह कार्य किया जाएगा। इसके बावजूद यदि अनुमति नहीं मिलती है तो यह माना जाएगा कि इसकी अनुमति दे दी गयी है। उन्होंने बताया कि अब तक 40 लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं और 15 देर शाम तक हो जाएंगे। ये 45 उद्योग करीब 6 चीनी मिलों के बराबर उत्पादन करने में सक्षम होंगे।
इंडियन ऑयल लगाएगा एथनॉल प्लांट
कैबिनेट ने गोरखपुर में बंद पड़ी धुरियापार चीनी मिल की 50 एकड़ भूमि इंडियन ऑयल कारपोरेशन को देने का निर्णय लिया है जो वहां पर करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से बायोमास आधारित सेकंड जनरेशन एथेनॉल प्लांट की स्थापना करेगी। यह भूमि 30 साल की लीज पर दी गयी है। इसके एवज में इंडियन ऑयल राज्य सरकार को सालाना 1।30 करोड़ रुपये देगा। आईओसी जल्द ही इस भूमि पर प्लांट लगाने की डीपीआर तैयार कराएगा। इससे इस इलाके में हजारों की संख्या में रोजगारों की उपलब्धता बढ़ेगी और सरकार को भी एथनॉल के उत्पादन से आर्थिक फायदा होगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि बाकी 47 एकड़ भूमि पर बंद पड़ी चीनी मिल को भी दोबारा शुरू करने के प्रयास चल रहे हैं।
ज्यादा दुग्ध उत्पादन पर पुरस्कार
कैबिनेट ने दुग्ध उत्पादकों के लिए नंद बाबा पुरस्कार योजना के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इससे दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, उत्पादकों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और गायों की देशी किस्म की नस्लों को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके तहत कम से कम 1500 लीटर दुग्ध उत्पादन करने वाले किसानों को ये पुरस्कार दिया जाएगा। जिसमें किसानों को राज्य स्तर पर 51 हजार रुपये, जिला स्तर पर 21 हजार रुपये और ब्लॉक स्तर पर 5100 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।