विंबलडन: उलटफेर जारी, अब सरीना भी हारीं
सरीना को प्रतियोगिता में शीर्ष वरीयता दी गई थी जबकि लिसिकी 23वीं वरीयता प्राप्त हैं.लिसिकी 2011 में विंबलडन के सेमीफ़ाइनल में पहुँची थीं.इस तरह इस साल के विंबलडन से शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों के बाहर होने का सिलसिला जारी है.पुरुषों के वर्ग में रफ़ाएल नडाल जहाँ पहले ही दौर में बाहर हो गए थे तो वहीं गत विजेता रोजर फ़ेडरर को दूसरे दौर में हार का सामना करना पड़ा.महिलाओं के वर्ग में मारिया शरापोवा भी इस बार दूसरे दौर में टूर्नामेंट से बाहर हो गईं.सरीना इससे पहले पाँच बार विंबलडन का ख़िताब जीत चुकी हैं और इस बार वो छठी बार चैंपियन बनने की कोशिश में थीं.उनके बाहर होने का मतलब है कि पुरुष और महिला दोनों वर्गों से गत विजेता इस बार क्वॉर्टर फ़ाइनल से पहले ही हारकर बाहर हो चुके हैं.रोमांचक तीसरा सेट
पहला सेट 2-6 से हारने के बाद सरीना ने दूसरे सेट में आराम से 6-1 से जीत हासिल की. तीसरे सेट में उन्होंने दो बार लिसिकी की सर्विस तोड़ी भी मगर लिसिकी ने हार नहीं मानी.
उन्होंने न सिर्फ़ दोनों बार ज़बरदस्त वापसी की बल्कि सरीना की सर्विस तोड़कर 5-4 की बढ़त भी ले ली. इसके बाद उन्होंने दूसरे मैच पॉइंट पर एक बेहतरीन फ़ोरहैंड शॉट लगाया और जीत अपने नाम कर ली.जीत के बाद लिसिकी ने कहा, "मैं अब भी काँप रही हूँ. मैं बेहद ख़ुश हूँ. सरीना ने पूरा मैच बहुत अच्छा खेला. वह काफ़ी कड़ी प्रतिद्वन्द्वी हैं. ये मैच जीतकर बहुत अच्छा लग रहा है."लिसिकी पूरे मैच में काफ़ी शांत और स्थिर भाव से खेलीं. ये मैच दो घंटे चार मिनट तक चला.लिसिकी का अब क्वॉर्टर फ़ाइनल में मुक़ाबला एस्तोनिया की काइया केनेपी से होगा. बीबीसी से बातचीत में लिसिकी ने कहा कि अभी वह उस मैच के बारे में सोच भी नहीं रही हैं.उनका कहना था, "मुझे बहुत मज़ा आया. उन्होंने ज़बरदस्त खेल दिखाया मगर मैंने हर अंक के लिए संघर्ष किया. मुझे तो यक़ीन ही नहीं हो रहा है."जब उनसे ये पूछा गया कि क्या वह जीत का जश्न मनाएँगी तो उन्होंने कहा कि अभी नहीं क्योंकि टूर्नामेंट अभी ख़त्म नहीं हुआ है.