सेंसेक्स व निफ्टी अब तक के टाॅप लेवल पर, मजबूत ग्लोबल रुख व विदेशी निवेश से तेजी
मुंबई (पीटीआई)। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 466.95 अंक या 0.74 प्रतिशत उछल कर 63,384.58 अंक के उच्च स्तर पर पहुंच कर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इंडेक्स 602.73 अंक या 0.95 प्रतिशत की तेजी के साथ 63,520.36 अंक के स्तर को छू गया था। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी 137.90 अंक या 0.74 प्रतिशत तेजी के साथ 18,826 अंक के अब तक हाई लेवल पर पहुंच गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक में जबरदस्त खरीद से सूचकांक में सुधार देखने को मिला।विप्रो सेंसेक्स पैक में टाॅप लूजर
सेंसेक्स पैक में शामिल बजाज फिनसर्व टाॅप गेनर रहा। इसके शेयर में 2.21 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला। इसके बाद टाइटन, आईटीसी, कोटक महिंद्रा बैंक, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचयूएल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और महिंद्रा एंड महिंद्रा तेजी के साथ हरे निशान में बंद हुए। वहीं दूसरी ओर विप्रो, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज, पावरग्रिड और टेक महिंद्रा के शेयर बिकवाली में टूट कर नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए।कच्चा तेल 75.20 डाॅलर प्रति बैरल
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग के शेयर मार्केट जबरदस्त खरीद की वजह से तेजी के साथ हरे निशान में बंद हुए। यूरोपीय शेयर बाजारों में मिड सेशन सौदे भी लाभ के साथ किए गए। अमेरिकी शेयर बाजार बृहस्पतिवार को जबरदस्त उछाल के साथ बंद हुए थे। ग्लोबल मार्केट में कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का सौदा 0.62 प्रतिशत फिसल कर 75.20 डाॅलर प्रति बैरल के भाव पर किया गया। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 3,085.51 करोड़ रुपये की खरीदारी की।फार्मा और कंज्यूमर स्टाॅक्स में जबरदस्त खरीदजियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि बैंकिंग, फार्मा और कंज्यूमर स्टाॅक्स में जबरदस्त खरीद की वजह से घरेलू शेयर बाजार में सुधार देखने को मिला। मजबूत ग्लोबल रुख से भी बाजार की तेजी को सपोर्ट मिला। उम्मीद से ज्यादा रिटेल खरीद की वजह से अमेरिक बाजार में भरोसा देखने को मिला, जो अर्थव्यवस्था आ रही मजबूती का संकेत दे रहा है। आयात मूल्यों में कमी और बेरोजगारी के आंकड़ों में बढ़ोतरी से फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव न होने की उम्मीद है। नये आंकड़े एक दिन पहले फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के विपरीत है।