दिग्विजय-अमृता: छींटाकशी सोशल मीडिया पर
सोशल मीडिया पर आई टिप्पणियों को खंगालने पर कुछ सवाल सामने आए। मसलन-किसी से मोहब्ब्त हो तो शादी करना ज़रूरी है?शादी करने की क्या कोई सही उम्र है?शादी करनेवाले पुरुष और औरत की उम्र में कितना अंतर होना चाहिए?शादी ना करना ग़लत विकल्प है?सोशल मीडिया पर उठ रहे सवालों का जायज़ा ले रही हैं बीबीसी संवाददाता दिव्या आर्य।
क्या आपके नहीं लगता कि प्यार की बुनियाद पर बने रिश्ते समाज को बल देते हैं? और झूठे दिखावे के लिए चलाए जा रहे रिश्तों से परिवार, व्यक्ति और समाज सभी खोखले और कमज़ोर होते हैं?
इस सबके बीच कुछ एक टिप्पणियां ऐसी भी हैं जो एक सहज सोच को दर्शाती हैं। बल्कि अमृता राय के अपने फ़ेसबुक पन्ने पर की गईं सभी टिप्पणियां उनकी हौसला-अफ़ज़ाई ही करती हैं।अमृता ने फ़ेसबुक के ज़रिए शादी की जानकारी देते हुए भी ये बताया कि पिछले डेढ़ साल का दौर उनके लिए बहुत मुश्किल रहा। अप्रैल 2014 में अमृता राय और दिग्विजय सिंह की निजी तस्वीरें सार्वजनिक होने के बाद से ही उनका रिश्ता चर्चा में आया।तब भी ऐसी ही प्रतिक्रियाएं आईं थीं, और राय और सिंह ने सोशल मीडिया के ज़रिए अपने रिश्ते पर सफ़ाई पेश की थी। सफ़ाई देने का ये सिलसिला कब तक चलेगा?इक्कीसवीं सदी के भारत में अपनी पसंद से रिश्ते बनाने पर कब तक सवाल उठेंगे और कीचड़ उछाला जाएगा? क्या आप ख़ुद जवाब देने वाले की जगह होना पसंद करेंगे?