चंद्रमा हमेशा से भारतीय लोक संस्कृति का एक हिस्सा रहा है। ज्योतिष ही नहीं लोरी के रूप में हम बचपन से ही चांद से परिचित हो जाते हैं। आइए जानते हैं चांद के बारे में कुछ रोचक जानकारियां।


कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 अभियान पर है। ऐसे में मून एकाएक दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है। आइए जानते हैं चांद के बारे में 10 इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स...नेचुरल सैटेलाइटचांद पृथ्वी का इकलौता प्राकृतिक उपग्रह है, जो पृथ्वी का चक्कर यानी परिक्रमा करता रहता है।पृथ्वी परिक्रमापृथ्वी के ऑर्बिट यानी कक्षा का एक चक्कर लगाने में चांद को 27.3 दिनों का समय लगता है।कितना छोटापृथ्वी से देखने पर सूर्य तथा चांद हमें एक साइज के नजर आते हैं। ऐसा चांद के पृथ्वी से नजदीकी की वजह से लगता है। लेकिन हकीकत में चांद साइज में सूर्य से 400 गुना छोटा है।जन्म कैसेअभी तक चांद के जन्म को लेकर कोई भी श्योर नहीं है लेकिन ज्यादातर वैज्ञानिक मानते हैं कि पृथ्वी से किसी चट्टान के टकराने की वजह से चांद का जन्म हुआ।लहरों पर कंट्रोल
चांद समुद्र में ज्वार-भाटा को कंट्रोल करता है। चांद की चुंबकीय शक्ति से समुद्र का जलस्तर बढ़ता है जिसे ज्वार कहते हैं। जब चांद समुद्र के उस इलाके से हटता है तो जलस्तर घट जाता है जिसे भाटा कहते हैं। यह नदी के मुहाने की सफाई तथा नव वहन संचालन में काफी मददगार होता है।बर्फ या पानी


चंद्रमा की सतह पर पानी बर्फ के रूप में जमा है।सतह पर कदमअंतरिक्ष में पृथ्वी के बाद सिर्फ चांद ही है जहां इंसान ने उसकी सतह पर कदम रखा है। अमेरिका के नील आर्मस्ट्रांग ने जुलाई 1969 में चांद पर पहली बार कदम रखा था।दमघोंटू हवाचांद पर वायुमंडल की बहुत ही पतली परत है, जिसकी वजह से इंसान वहां सांस नहीं ले सकता। वायुमंडल की पतली परत को एक्सोस्फेयर कहते हैं। वहां सांस लेने के लिए स्पेस सूट तथा हेलमेट जरूरी है।दूर जाता चांदचांद पृथ्वी से लगातार दूर जा रहा है। आज की तुलना में शुरुआती दिनों में चांद पृथ्वी से 10 गुना नजदीक था। यह हर वर्ष 3.78 सेमी पृथ्वी से दूर जा रहा है।किन चीजों से बनाचांद मुख्य तौर पर ऑक्सीजन, सिलिकाॅन, मैग्नीशियम, लोहा, कैल्शियम तथा अल्युमीनियम से बना है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh