वैज्ञानिकों ने एक ऐसा तरीका खोज निकाला है जिसके ज़रिए यह पता लगाया जा सकेगा कि किस व्यक्ति को हार्ट अटैक हो सकता है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में रिसर्च टीम ने बताया कि इस स्टडी से दुनिया में मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक के इलाज़ के लिए काफी मदद मिलेगी।

इस नए तरीके से धमनियों के चारों ओर मोटापे और सूजन का पता लगाने में आसानी होगी। समय रहते इसका पता चलना ज़रूरी है।

इसके ज़रिए हाई रिस्क वाले मरीज़ों को स्ट्रोक या हार्टअटैक से बचाने के लिए ज़्यादा इंटेंसिव ट्रीटमेंट देने में मदद मिलेगी।

रिसर्च टीम हृदय रोगों में सूजन की भूमिका को लेकर स्टडी कर रही थी।

शरीर के अंदर सूजन का सबसे बड़ा कारण खून की शिराओं में कई छोटे-छोटे टुकड़ों का इकट्ठा होना है।

ये टुकड़े बाद में टूट जाते हैं और कॉरोनरी धमनी को ब्लॉक कर देते हैं जिससे हार्ट तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। यही हार्ट अटैक होता है।

रिसर्च टीम का हिस्सा रहे प्रो। चारालंबोस एंटॉनियाडेस कहते हैं, 'कॉरोनरी धमनियों में सूजन का पता लगाना बीते 50 सालों से एक चुनौती बना था।'

 

स्टडी से यह भी पता चलता है कि जो लोग कार्डियक सर्ज़री करवा रहे हैं उनमें इन बदलावों का भी पता लगाया जा सकता है।

रिसर्च टीम के मुताबिक, जांच का मुख्य कोर्स इस साल के अंत तक आ जाएगा। टीम करीब 2000 हार्ट स्कैन करके यह पता लगाएगी कि स्वस्थ दिखने वाले लोगों में हार्ट अटैक की संभावना बताने में यह तरीका कितना कारगर है।'


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समय रहते मिलेगा अलर्ट

प्रो। एंटॉनियाडेस ने बीबीसी न्यूज़ से बातचीत में कहा, 'इस टेक्नोलॉजी से भविष्य में पता लगाया जा सकेगा कि किसे हार्ट अटैक हो सकता है।'

इसका सीधा मतलब ये है कि समय रहते आप सतर्क हो जाएंगे और बचाव के तरीके भी जान पाएंगे।

उदाहरण के तौर पर, स्वस्थ दिखने वाला कोई व्यक्ति हृदय रोग के शुरुआती स्टेज पर है और उसे कॉलेस्टॉल कम करने की ज़रूरत है तो इसका पता पहले ही चल जाएगा।

प्रो। मेटिन एवकिरान ने कहा, 'अगर यह तकनीक अपनी अब तक की बातों पर अडिग रही तो आगे चलकर हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी समस्या को समय रहते रोका जा सकेगा।'

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Posted By: Chandramohan Mishra