बर्थमार्क यानी कि जन्‍म निशान यह हर किसी के शरीर में पाए जाते हैं। ऐसे में अक्‍सर लोगों के मन में यह सवाल उठते हैं कि ये जन्म के निशान क्या हैं? इनकी शरीर और जीवन में क्‍या भूमिका है। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आज आपको आपके सवालों का जवाब समझो मिल गया। हाल ही में वैज्ञानिकों ने बर्थमार्क का क्‍यों होते हैं इसका पता लगा लिया है...


जन्म से होतेमनुष्य की त्वचा में मौजूद निशान जो जन्म के समय से होते हैं वही बर्थमार्क कहलाते है। हालांकि अधिकांश लोगों के यह जन्म के बाद बढते समय के साथ बिगड़ जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों के शरीर में ये निशान लंबे समय तक स्थिर रहते हैं। बहुत से लोग इन बर्थमार्क के शरीर में होने के पीछे का मतलब नहीं जानते हैं। जिससे वे इन्हें हटाने के प्रयास में रहते हैं। वैस्कुलर बर्थमार्क
इसके बाद धीरे-धीरे चले जाते हैं। इनसे शरीर को कोई नुकसान नही होता है। इसका अंदाजा आप खुद से लगा सकते हैं कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है इनका रंग बदलता जाता है। एक और बर्थमार्क वैस्कुलर होता है। यह भी पैदा होने के समय से ही शरीर में पाया जाता है। यह निशान करीब डेढ़ से दो साल में बच्चे के शरीर से गायब हो जाता है। ये बर्थमार्क बढ़ी हुई रक्त वाहिकाओं के कारण होते हैं। पोर्ट वाइन बर्थमार्क


इसके अलावा बच्चों में एक और बर्थमार्क हेमांजिओमस पाया जाता है। यह रक्त वहिकाओं में छोटे-छोटे ट्यूमर की वजह से पाए जाते हैं। यह एक लाइन की तरह से होते हैं। वहीं पोर्ट वाइन बर्थमार्क शरीर में छोटे-छोटे लाल रंग के होते हैं। यह तब होते हैं जब शरीर में रक्त वाहिकाएं सही से नहीं प्रवाहित होती हैं। हालांकि इनको लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नही हैं। ये अक्सर उभरते और खत्म हाते रहते हैं।

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Posted By: Shweta Mishra