श्रावण मास की पुराणों में बहुत अधिक महिमा है। श्रावण मास भगवान शिव को विशेष प्रिय है।श्रावण मास आते ही चारों ओर वातावरण शिव भक्ति में होता है।जितनी वर्षा होती है उतनी ही भगवान की कृपा मानी जाती है।


शास्त्रों के मुताबिक शिव पूजन का यह महीना बेहद खास होता है।श्रावण के महीने में पड़ने वाले सोमवारों का भी विशेष महत्व माना जाता है।इस माह में पड़ने वाले मंगलवार का भी विशेष महत्व होता है।इस माह के सोमवारों को "वन सोमवार"कहा जाता है। श्रावण मास के मंगलवार को मंगला गौरी के नाम से जाना जाता है।इस दिन मंगल ग्रह के शांति के निमित्त एवं मां पार्वती को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना एवं व्रत किया जाता है।प्रत्येक सोमवार पूजा का समय:- प्रातः 5.40 से 7.20 ,9.20 से10.45 अमृत एवं शुभ के चैघड़िया मुहूर्त में।अपराह्न 3.45 से सांय 7.15 तक लाभ,अमृत के चौघड़िया में।जैसी परेशानी हो, वैसी पूजा करें


1.जिन कन्याओं अथवा पुरुषों को विवाह संबंधित चिन्ता हो वह श्रावण मास में नित्य शिव-पार्वती पूजन करने के बाद मां पार्वती के चरणों में हल्दी,हाथों में मेहंदी लगाकर शिव पार्वती के मध्य मौली अथवा कलावे से सात बार लपेटें,शीघ्र ही भगवान गौरीशंकर मनोकामना पूर्ण करेंगे।साथ ही गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करना भी शुभ रहेगा।2.जो व्यक्ति लक्ष्मी प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उन्हें नित्य भगवान शिव पर गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए।आये बढ़ेगी।3.जो व्यक्ति बीमार रहते हों वह भगवान शिव पर काले तिल चढ़ाएं।

4.जो व्यक्ति मानसिक चिंता या बेचैनी महसूस करते हों या सदा भयभीत रहते हों वह नित्य दूध में चावल एवं बूरा मिलाकर "ॐ हों जू सः"मंत्र का उच्चारण करते हुए शिव लिंग पर अर्पित करें।Shravan 2019: सावन का महीना शुरू, पूजा के समय इस मंत्र का जाप करने से हर मनोकामना होगी पूरीShravan 2019: इसलिए भगवान शिव को प्रिय है यह मास, कथा व पूजा विधि की पूरी जानकारी5.भगवान शिव का विशेष पूजन करने के लिए गंध,पुष्प,दूध,दही,घी,शहद एवं बूरा से शिव पंचायतन का मार्जन करें।उसके बाद पांच या सात लोटे जल भगवान शिव पर चढ़ाएं।ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्माबालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली।चीफ वार्डन,सिविल डिफेंस, बरेली।

Posted By: Vandana Sharma