।। श्रावण-मास महात्म्य ।। श्रावण का महीना भगवान शिव का माह होता हैकारण कि हरि शयनी एकादशी को विष्णु देव जब योग निद्रा में चले जाते हैं तो विश्व कल्याण का दायित्व भगवान शिव को ही निर्वहन करना पड़ता है। अतः सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-आराधना के लिए महत्वपूर्ण होता है।


इस मंत्र का जाप करना होगा कल्याणकारीसावन में महामृत्युंजय मन्त्र का जाप विशेष फलदायक है यदि पूर्ण मन्त्र न कर सके तो लघु-मन्त्र-“ॐ जूँ स: श्री महामृत्यंजयाय नम:” इस मन्त्र का जाप करने से उत्तम स्वास्थ एवं समृद्धि की नि:सन्देह प्राप्ति होती है।इसके अतिरिक्त “ॐनम:शिवाय शिवाय नम:।।इस एकादशाक्षरी महामन्त्र का जाप भी कल्याणकारी होता है। 17 जुलाई से सावन शुरु, 125 साल बाद बन रहे शुभ संयोगसावन विशेष: भगवान शिव का रक्षा कवच आठों दिशाओं से करेगा आपकी रक्षा, करें नियमित पाठइस तरह शिव की पूजा करने से फल की प्राप्ति होगी
बेल्पत्र की तीनों पत्तियों पर चन्दन से राम-राम लिख कर उक्त मन्त्र से इक्यावन बेल्पत्र शिव जी को चढ़ाने से हरिरात्मक-फल की प्राप्ति होती है।धूप,दीप,नैवेद्य,मदारएवं धतूर का फूल भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।सावन के अंतिम दिन मृत्युंजय मन्त्र से 108 आहुति देकर हवन करने से पूर्णाहूति हो जाती है।चंद्र-ग्रहण के बाद पड़ने वाले श्रावण में हरियाली-श्रृंगार का अति महत्व है ।  ।। शिवमस्तु ।।पंडित चक्रपाणी भट्ट

Posted By: Vandana Sharma