जेल में बिताए वक्त ने मेरा घमंड चूर-चूर कर दिया : संजय दत्त
इस तरह टूटा संजय का घमंडमुंबई (आईएएनएस)। संजय दत्त ने एक इंटरव्यू के जरिए बताया कि जेल में रहने के दौरान किस तरह उनका घमंड चूर-चूर हुआ और वो एक अच्छे इंसान बने। संजय ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में बताया, 'जेल में बिताए हुए एक-एक पल मेरे लिए किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं थे पर आगे जा कर मेरी जिंदगी में पॉजिटिव बदलाव भी आए। जेल में बिताया वक्त तो बीत गया पर उसने मुझे बहुत कुछ सिखा दिया और मुझे एक बेहतर इंसान बना दिया।' मालूम हो कि फिल्म संजू में सेंसर बोर्ड ने संजय के जेल के एक सीन को कट भी कर दिया है जिसमें उनके बैरक में मौजूद कमोड ओवर फ्लो हो रहा है।
संजय के कारागार में बिताए दिनों ने उन्हें परिवार और करीबियों की अहमियत बता दी। संजय ने इंटरव्यू में बताया, 'अपने परिवार और करीबियों से दूर रहना मेरे लिए किसी चेलेंज से कम नहीं था। उन दिनों मैंने सीखा अपने शरीर को कैसे परफेक्ट शेप में रखना है। जेल में वेट लिफ्ट कर खुद को फिट रखने के लिए संजय ने बेकार टीन के डब्बे और मिट्टी के पॉट को वेट और डमबल्स की जगह रख कर इस्तेमाल किया। जेल में सभी कैदी हर छह महीने में कल्चरल फंग्शन साथ मिल कर सेलीब्रेट करते थे। मेरे साथ सभी कैदी गाना गाते, डांस करते और नौटंकी का भी हिस्सा बनते। उस वक्त वो लोग मेरे मुश्किल समय में मेरा परिवार बन गए थे और जब मैं थक हार कर अपनी जिंदगी को कोसता तो वो मुझे हौसला देते।'
संजय दत्त ने बॉलीवुड में 1981 में रिलीज हुई फिल्म 'रॉकी' से डेब्यू करने के पहले अपनी जिंदगी को ड्रग्स एडिक्शन के अंधेरे में धकेल दिया और फिर उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया जो काफी खतरनाक था। इसके बाद संजय गैरकानूनी ढंग से हथियार रखने और मुंबई बम ब्लास्ट में हाथ होने के आरोपी बने। 1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट के दैरान अवैध हथियार रखने के मामले में दोषी पाए जाने पर 58 साल के संजय को जेल जाना पडा़ था। अब संजय के फैंस राजकुमार हिरानी की फिल्म 'संजू' में उनके जीवन की अनकही झलकियां देखने को बेकरार हैं। अब तक फिल्म का ट्रेलर और कई पोस्टर जारी हो चुके हैं और आज फिल्म भी रिलीज हो जाएगी।