Saheb Biwi Aur Gangster 3 Review : बेचारे साहिब, बीवी और 'बाबा'
कहानी : राजा जी जेल से वापस आ गए, और फिर से बीवी की जिंदगी नरक करने में लगे हैं, और फिर से बीवी ने अपने तरीकों से जीना हराम किया है, और इस बार बीच मे हैं हमारे ट्रेडमार्क ओरिजिनल फिल्मी गैंगस्टर बाबा। बेसरपैर के ट्विस्ट और टर्न और प्रेडिक्टेबल
कानपुर। एक तरफ संजय दत्त की रियल जिंन्दगी पे बेस्ड 'संजू' अभी भी सिनेमा हॉल में धूम मचा रही है, किसी और फिल्म को टिकने ही नहीं दे रही। अच्छी खासी 'सूरमा' फिल्मों की 'धड़कन' को बंद करने वाली संजू इसलिए ऐसा कर पा रही है क्योंकि वो बड़ी एंटरटेनमेंट से अटी पड़ी है, तो बेसिकली फिल्मों के चलने का कारण है उनका एनग्रोसिंग होना, वरना ऐसा कैसे हो सकता है कि जिसकी जीवनी पर बनी हुई फिल्म बगल वाले ऑडी में चल रही हो उसकी खुद की फिल्म में 25 लोग बैठ कर अपनी किस्मत को बैठ के रो रहे हों। इस फिल्म को देख के मुझे सहसा 'रेस 3' की याद आ रही थी, या शायद तीसरी फिल्म आते-आते सभी फिल्मों का यही हाल हो जाता है, जैसे 'धूम 3'। इन तीनों फिल्मों में अपनी अपनी किश्त का सबसे बड़ा स्टार है। इसीलिए शायद लेखक और निरदेशक चिलपिल लेके बैठ जाते हैं, सोच लेते हैं कि 'इन्ना वड्डा स्टार है साडे नाल,स्क्रिप्ट न भी हो तो सानू की फर्क पैंदा हैगा'। आपको फिल्म के पहले आधे घंटे में ही पता चल जाना चाहिए कि आप मुसीबत में फंस चुके हैं, आपको 'धड़क' भी अच्छी लगने लगेगी, धीरे-धीरे आपकी धड़कन धीमी हो जाएगी और आप सो जाएंगे, पर मजाल है जो आपको चैन से सोने दिया जाए, एक दम से कहीं से कोई जोरदार मुजरा टाइप पुरातन काल का गाना आके आपकी नींद खराब कर देगा। बेसिरपैर के ट्विस्ट और टर्न और प्रेडिक्टेबल नैरेटिव आपको बार-बार अपना सिर पीटने पर मजबूर करेगा।
कुलमिलाकर मुझे और कुछ नहीं कहना, 'संजू' के टिकट सस्ते हो गए हैं, फिर से देख डालिये।
रेटिंग : 1.5 स्टारसंजय दत्त की बेटी त्रिशाला ने शादी और फिल्म डेब्यू पर तोड़ी चुप्पी, पिता के इस व्यवहार को लेकर किया खुलासा'संजू' की अब तक की कमाई ने आने वाली फिल्मों के लिए खडी की ये 6 मुसीबतें, 300 करोड़ से सिर्फ इतना दूर