न्यू यॉर्क एएनआई । एक शोध में पाया गया है कि साल 1920 के बाद सहारा मरुस्थल करीब 10 परसेंट विस्तृत हो गया है। ऐसा माना जा रहा है कि इस परिवर्तन का जिम्मेदार मनुष्य का पर्यावरण के प्रति बदलता व्यवहार है। इसके अलावा अध्ययन के निष्कर्षों से यह भी पता चला है कि अन्य रेगिस्तानों में भी ऐसा ही प्रभाव देखा जा सकता है।


सहारा रेगिस्तान का विस्तार अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय में वायुमंडलीय और महासागर वैज्ञानिक सुमन निगम ने कहा कि 'हमारे रिजल्ट्स सिर्फ सहारा के लिए विशिष्ट हैं, लेकिन इसे दुनिया के अन्य रेगिस्तानों के लिए भी माना जा सकता है।" बता दें कि शोधकर्ताओं ने साल 1920 से 2013 तक अफ्रीका में दर्ज किए गए सलाना वर्षा के आंकड़ों का विश्लेषण किया तो पाया कि सहारा डेजर्ट, जो कि महाद्वीप के उत्तरी भाग के अधिकांश भाग में फैला है, इस अवधि के दौरान 10 प्रतिशत बढ़ा है। इसके बाद जब वैज्ञानिकों ने इसी समय के दौरान मौसमी रुझान को देखा तो पता लगा कि सहारा का सबसे अधिक विस्तार गर्मियों में हुआ।मनुष्य इस बदलाव का जिम्मेदार
यह रिजल्ट्स साफ तौर पर यही बताते हैं कि रेगिस्तान का विस्तार सिर्फ मनुष्य का पर्यावरण के प्रति बदलता व्यवहार और नेचुरल क्लाइमेट साइकल के कारण हुआ है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर की एक पूर्व छात्र और वैज्ञानिक निगम ने कहा कि हेडली सर्कुलेशन के चलते ही किसी इलाकों में रेगिस्तान बनता है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि 'मौसम में होने वाले बदलाव के चलते आने वाले दिनों में रेगिस्तान का विस्तार और होगा।'सहारा डेजर्ट का परिचय


सहारा विश्व का सबसे बड़ा गर्म मरुस्थल है। सहारा नाम रेगिस्तान के लिए अरबी शब्द सहरा से लिया गया है, जिसका अर्थ है मरुस्थल। यह अफ़्रीका के उत्तरी भाग में अटलांटिक महासागर से लाल सागर तक और सूडान के उत्तर तथा एटलस पर्वत के दक्षिण तक में फैला हुआ है। इसमे भूमध्य सागर के कुछ तटीय इलाके भी शामिल हैं। क्षेत्रफल में यह यूरोप के लगभग बराबर एवं भारत के क्षेत्रफल के दुगने से अधिक है।

Posted By: Mukul Kumar