मुद्दा ये है कि आपने बीमारी का बीज नहीं बोया है और न ही तो उसके पौधे को सींचकर बड़ा किया है जैसे सेब के पेड़ को। बल्कि रोग का हमारे जीवन में आने का कारण हो सकता है कि हम स्वर्ग तक पहुंचने के लिए अपना एक कदम आगे बढ़ा चुके हैं।


कर्म और रोग का क्या संबंध है? मेरे एक मित्र को कैंसर हो गया है, तो क्या ये उसके कर्मों से रिलेटेड है?कैंसर और कर्म के बीच ठीक वही संबंध है, जो कुछ भी और कर्म के बीच है। यह ऐसा है कि जो कुछ भी हमारे साथ होता है, वह हमारे कर्मों का फल है। मतलब हमने जो बोया, वो हम काटेंगे। हम अगर सेब के बीज बोएंगे, तो हमें सेब का वृक्ष ही मिलेगा, जो हमें सेब देगा, लेकिन यहां जरूरी बात बीमारी से जुड़ी है। कोई बीमारी का पौधा नहीं उगाता


मुद्दा ये है कि आपने बीमारी का बीज नहीं बोया है और न ही तो उसके पौधे को सींचकर बड़ा किया है, जैसे सेब के पेड़ को। बल्कि, रोग का हमारे जीवन में आने का कारण हो सकता है कि हम स्वर्ग तक पहुंचने के लिए अपना एक कदम आगे बढ़ा चुके हैं। यही कारण है कि सब कुछ होता है, यह कर्म के कानून का अंतिम बिंदु है, इसलिए बीमारियां हमारे पास किसी सजा के तौर पर नहीं आतीं। न ही तो किसी को ये सोचना चाहिए कि मैंने जरूर कोई बुरे कर्म किए हैं, इसलिए मुझे बीमारी के नाम पर उन कर्मों की सजा मिल रही है।

मस्तिष्क को प्रशिक्षित करने में मदद करेगा मेडिटेशन: साध्वी भगवती सरस्वतीलाइफस्टाइल से जुड़ी गलतियां बढ़ाती हैं बीमारीपूरी तरह से श्योर नहीं हूं, लेकिन एक बात हो सकती है कि आपने कभी लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ गल्तियां की हों, तो ये उसका नतीजा हो सकता है। जैसे, तम्बाकू सेवन, स्मोकिंग या ऐसे ही दुष्परिणाम देने वाली कोई चीज खाना या फिर किसी जेनेटिक इश्यू को लेकर, लेकिन हमारी जिंदगी में ऐसा जो भी कुछ हो, हमें सिर्फ ये सोचना चाहिए कि हम ईश्वर की ओर एक कदम बढ़ा रहे हैं।-साध्वी भगवती सरस्वतीआपस में बड़ी गहराई से जुड़े हैं धर्म-कर्म, फिर भी दोनों में है ये अंतर: साध्वी भगवती सरस्वती

Posted By: Vandana Sharma