Sachin A Billion Dreams Movie Review : जब सिनेमा हाल में भी गूंज उठा सचिन का जयकारा
यह सिर्फ सचिन और सचिन की है फिल्म
पिछले साल हमने अज़हर और धोनी की ज़िन्दगी के इर्द गिर्द घूमती हुई फिल्में देखीं। दोनों ही फिल्मों पर कई प्रश्नचिन्ह लगे, दोनों ही फिल्में असलियत जो हम देखना चाहते थे उनसे परे थीं। उनमें जो बातें दिखाई गईं, जो किस्से सुनाये गए वो सब हमें पहले से ही पता थे। और क्यों न हो, क्रिकेट भारत में खेल नहीं है, धर्म है और अपने धर्म का ज्ञान हम सबको है। पर जब बात सचिन की आती है तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता की फिल्म में क्या दिखाया गया और क्या नहीं। सचिन की ज़िन्दगी एक खुली हुई किताब की तरह है और इस किताब को भारतवासियों ने कई बार पढ़ा है।
शरारती बच्चा कैसे बना क्रिकेट का भगवान
एक शरारती बच्चे से क्रिकेट के देवता बनने तक का सफ़र सचिन के लिए मेहनत और अपने खेल के प्रति प्रेम की एक अनोखी कहानी है। जिस जिस ने भी क्रिकेट का बल्ला हाथ में पकड़ा है, उसने एक बार अपने देवता सचिन को याद करके बल्ला ज़रूर चलाया है। सचिन के ऊपर बनी ये अनूठी फिल्म उनकी पूरी ज़िन्दगी के हर पहलु को डॉक्यूमेंट करने की कोशिश करती है। पर सचिन की ज़िन्दगी और कारनामे एक फिल्म की लेंथ में बता पाना बड़ा मुश्किल काम है पर फिर भी ये काम इस फिल्म से काफी हद तक हो जाता है।
बातें जो इस फिल्म को देखने लायक बनाती हैं-
सचिन का बचपन और कैसे सचिन को क्रिकेट से प्यार हुआ, उसका रूपांतरण किसी भी बच्चे को सचिन बनने की प्रेरणा दे सकता है। सचिन के शुरवाती दिनों के कारनामे जिससे सचिन ने कम उम्र में बड़ा नाम कमाया, वो सब कैसे हुआ। यह फिल्म में देखने को मिलेगा। सचिन के सारे बड़े गेम्स के क्लिप्स यहां दिखेंगे जोकि फुल पैसा वसूल सेगमेंट है। फिल्म देखते हुए 90 का स्वर्णिम दशक लौट कर आपके सामने आ जाएगा। फील्ड पर बने सचिन के दोस्त और उनकी कहानियां, धोनी से लेकर दादा तक सबकी जुबानी है। सचिन की ज़िन्दगी का सबसे बड़ा दुःख - मैच फिक्सिंग का श्राप और उसका सचिन पर असर सबकुछ देखने को मिलेगा। सचिन की पत्नी अंजलि की कहानी जिसने हर तरीके से हर मोड़ पर सचिन का साथ दिया, ये इस फिल्म का सबसे टचिंग हिस्सा है
ऑडियो ऑटोग्राफ : सचिन की आवाज़ में खुद सचिन साथ में रहमान का ज़बरदस्त पार्श्वसंगीत
जब आप सचिन - अ बिलियन ड्रीम्ज़ को देखने के लिए हाल के अन्दर घुसते हैं तो आपको लगेगा की आप स्टेडियम के अन्दर घुस रहे हैं जहां खुद मास्टर ब्लास्टर सचिन अपनी पारी ओपन करने वाले हैं...स्टेडियम गूँज उठता है...सचिन सचिन !सचिन सचिन ! और फिल्म शुरू हो जाती है।
कुल मिलाकर ये फिल्म किसी रेटिंग की मोहताज नहीं है, और आपको ज़रूर पसंद आएगी। इसे ज़रूर जाकर देखिये।