विबलडन 2013: पेस, बोपन्ना हारे, सानिया मिक्स्ड डबल्स से बाहर
पेस और बोपन्ना सेमीफाइनल में पुरूष डबल्स में हार गए जबकि सानिया मिर्ज़ा और रोमानिया के होरिया टेकाउ की जोड़ी मिक्स्ड डबल्स में एक क्वार्टरफाइनल मुकाबले में हार गई.इस तरह साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम विंबलडन में भारतीय चुनौती ख़त्म हो गई है.विबंलडन टेनिस प्रतियोगिता का महिला फ़ाइनल जर्मनी की सबीन लिज़िकी और फ्रांस की मारियन बार्टोली के बीच खेला जाएगा. दोंनो ने इससे पहले कभी विंबलडन नहीं जीता है.महिला सेमीफ़ाइनलगुरुवार को खेले गए पहले सेमीफ़ाइनल में मारियन बार्टोली ने 20वीं वरीयता वाली बेल्जियम की कर्स्टन फ़्लिपकन्स को आसानी से सीधे सेटों में 6-1, 6-2 से हराया.लेकिन सबीन लिज़िकी की राह इतनी आसान नहीं थी. उन्होंने चौथी वरियता प्राप्त पोलैंड की एग्नियेश्का रादवांस्का को रोमांचक मुक़ाबले में 6-4, 2-6, 9-7 से हराकर फानइल में जगह बनाई.
ये लिज़िकी का पहला और बार्टोली का दूसरा विंबलडन फ़ाइनल है. छह साल पहले, साल 2007 में बार्टोली को विंबलडन फ़ाइनल में वीनस विलियम्स ने हराया था.लिज़िकी 14 साल में पहली जर्मन खिलाड़ी हैं जो विंबलडन के महिला फ़ाइनल में पहुंची है. इससे पहले साल 1999 में स्टेफ़ी ग्राफ़ फ़ाइनल खेलने वाली आखिरी जर्मन खिलाड़ी थीं. इससे पहले लिज़िकी साल 2011 में विंबलडन सेमीफ़ाइनल में पहुंची थीं.
इस बार उन्होंने चौथे दौर में बड़ा उलट-फेर कर गत विजेता सरीना विलियम्स को हराया था. सेमीफ़ाइनल मैच जीतने के बाद 23वीं वरीयता प्राप्त लिज़िकी ने बीबीसी स्पोर्ट को बताया, "ये अविश्वसनीय मैच था, आखिरी के कुछ गेम बहुत ही रोमांचक थे. मैं नहीं जानती थी कि मैच का नतीजा क्या होगा. मैं पूरी मेहनत के साथ खेली लेकिन मुझे यक़ीन था कि स्कोर कुछ भी हो, मैं जीत सकती हूं."भारतीय चुनौती ख़त्मगुरुवार को मुक़ाबले में उतरे सभी भारतीय खिलाड़ी अपने-अपने मैच हार गए.पुरुषों के पहले डबल्स सेमीफ़ाइनल में शीर्ष जोड़ी ब्रायन बंधुओं ने भारत के रोहन बोपन्ना और फ्रांस के ई. रोजर-वासेलिन को 6-7, 6-4, 6-3, 5-7, 6-3 से हराया.दूसरे सेमीफ़ाइनल में भारत के लिएंडर पेस और चेक गणराज्य के राडेक स्टेपानेक की जोड़ी 6-3, 4-6, 1-6, 6-3, 6-3 से डोडिग और मेलो की जोड़ी से हार गई.वहीं भारत की सानिया मिर्ज़ा और रोमानिया के हाउरी टेकाउ अपना मिक्सड डबल्स क्वार्टरफ़ाइनल मुक़ाबला सीधे सेटों में हार गए.