सबरीमाला मंदिर : 11 महिलाआें ने एेसे की प्रवेश की कोशिश, पंबा में तनाव व्याप्त
पंबा (पीटीआई)। केरल के सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में दर्शन के लिए 50 साल से कम उम्र की 11 महिलाओं का एक समूह आज सबरीमाला पहुंचा है। महिलाओं के समूह ने मंदिर परिसर से लगभग पांच किलोमीटर दूर पारंपरिक वन पथ के जरिए अयप्पा मंदिर तक जाने की कोशिश की। केरल-तमिलनाडु सीमा में इडुक्की-कम्बामेडु मार्ग से होकर महिला समूह सुबह 3.30 बजे पंबा पहुंचा। हालांकि श्रद्धालुओं के लगातार विरोध-प्रदर्शन की वजह से वे आगे नहीं बढ़ पाई हैं। सुबह पांच बजकर 20 मिनट से सड़क पर बैठीं
बड़ी संख्या में माैजूद भक्तों ने उनका विरोध करने के लिए 'नमाजापा' (स्वामी के भजन) शुरू कर दिए। इस दाैरान यहां पर तनाव की स्थितियां बन गई क्यों कि दर्शन करने पहुंची महिलाएं विरोध के बाद सुबह पांच बजकर 20 मिनट से सड़क पर बैठीं हैं। पुलिस द्वारा की गई वार्ता विफल हो गई है। प्रशासन उन्हें लगातार समझाने का काम कर रहा है। पुलिस ने उनके चारों ओर एक सुरक्षा घेरा डाल दिया है। ये महिलाएं चेन्नई के 'मानिथि' संगठन की हैं और उनका कहना है कि अब वे दर्शन के बिना वापस नहीं जाएंगी। विभिन्न स्थानों पर विरोध का सामना करना पड़ा
महिलाओं को दर्शन की अनुमति का इंतजार है। 11 महिलाओं के इस समूह ने स्थानीय टेलीविजन चैनलों से बातचीत में कहा कि उन्हें विभिन्न स्थानों पर विरोध का सामना करना पड़ा लेकिन वे पंबा तक पहुंचने में सफल रहीं। पंबा में स्थानीय मंदिर के पुजारी ने हमारा सहयोग नहीं किया और उन्होंने हमें 'इरुमुदिकेतु' (भगवान के लिए पवित्र प्रसाद) को देने से भी मना कर दिया है। ऐसे अब तब तक अपना विरोधी विरोध जारी रखेंगी जब तक उन्हें भगवान अयप्पा के दर्शन की अनुमति नहीं मिल जाती है।10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर बैन
सबरीमाला मंदिर हिंदू देवता अयप्पा को समर्पित है और उन्हें शाश्वत ब्रह्मचर्य माना जाता है। इसलिए लंबे समय से 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर बैन था लेकिन सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सभी महिलाअों के प्रवेश की अनुमति दे दी है। इस फैसले से महिलाओं में खुशी की लहर है लेकिन कुछ लोग अभी भी महिलाओं के प्रवेश करने का विरोध करते है। परंपरा अनुसार लोग इसका कारण महिलाओं के मासिक धर्म को बताते हैं। उनका कहना है कि महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से अयप्पा देवता नाराज हो जाएंगे।