जो कहानी सलमान खान की रेस 3 की होनी चहिए थी वो शायद इस फिल्म को पड़ी मिल गई। इस बात से ये बिल्कुल मत समझियेगा कि साहो में कोई तिलिस्मी कहानी है न न बिल्कुल नहीं है पर ऐसा बहुत कुछ है जिसको आप देखना चाहेंगे। ऐसा क्या है आइये आपको बताते हैं।


रेटिंग : 3 स्टार

कहानीओसियन 11 से लेकर फास्ट एंड फ्यूरियस, और सिन सिटी से लेकर लॉयन किंग तक जो भी कहानी के हिस्से लिफ्ट किये जा सकते हैं वो सब मिल कर बनाते हैं साहो की ओरिजिनल कहानी (LOL)

समीक्षा


जिस देश मे लोलम लोल फिल्म्स भी सौ करोड़ कमा जाती हैं उस देश मे साहो अगर 500 करोड़ कमा ले तो कोई ताज्जुब की बात नहीं। फिल्म स्टाइलिश है और खर्च किया हुआ एक एक रुपया नजर आता है। फिल्म में कम से कम 500 गाड़िया उड़ाई गईं है और 5000 हड्डियां तोड़ी गई हैं। अगर एक प्लेन एक्शन फिल्म की तरह देखी जाए तो साहो माइंडब्लोइंग फिल्म है। एक्शन जानदार है और सिर्फ एक्शन ही आपको आपकी सीट से बांध कर रखता है। प्रभास का एंट्री सीक्वेंस बहुत ही लंबा है और मनोरंजक भी (बिलिवेबल नही पर मनोरंजक). फिल्म में रेस फ़्रेंचाइज की टिपिकल स्टोरी टेलिंग टेक्निक का इस्तेमाल हुआ है। हर 20 मिनट में प्राइम विलेन बदल जाता है और फिल्म की कहानी एक अंधी गुफा से निकल कर दूसरी अंधी गुफा में भटकने लगती है। सभी गीत कहानी से ध्यान भटकाते हैं।

टेक्निकल पहलू


जो भी बोलिये इस फिल्म के कंप्यूटर ग्राफिक और वी एफ एक्स बहुत ही स्ट्रांग है और इस फिल्म के हाई पॉइंट हैं। फिल्म देखने मे भव्य है और एक एक फ्रेम ग्रैंड है। एडिटिंग लचर है और कम से कम 30 मिनट की फिल्म पर आसानी से कैंची चलाई जा सकती है। फिल्म का आर्ट डिरेक्शन और एक्शन कोरियोग्राफी बहुत ही अच्छी है जो कि आपके पैसे वसूल करवाती है। हिंदी वर्जन के डायलॉग काफी अच्छे हैं।

अदाकारीप्रभास के मजबूत कंधों पर पूरी फिल्म माउंटेड है और प्रभास इसमें खरे उतरते हैं। फिल्म में श्रद्धा के करने लायक कुछ खास था नहीं, इनफैक्ट अगर उनका पूरा रोल काट भी दिया जाए तो फिल्म पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। चंकी पांडे और मंदिरा बेदी विलेन के तौर पर जमते हैं। जैकी श्रॉफ बढ़िया हैं। नील नितिन मुकेश का रोल ही निहायत कंफ्यूजिंग लिखा गया है जिसका असर दिखाई देता है उनके हाव भाव पर।

 

वर्डिक्ट


साउथ इंडियन एक्सेंट में हिंदी बोलने वाले प्रभास जब एक दम से गुरु रंधावा की आवाज में सुर लगाते हैं तो हंसी फूट पडती है और फिर जब वो पंजाबी में एक दूसरे गाने में रैप करने लगते हैं तो दिल मे गुदगुदी सी होने लगती है। पर फिर भी अगर एक्शन फिल्म्स और प्रभास के फैन हों तो जाकर जरूर देखिए साहो, भले ही कुछ समझ न आये, मजा जरूर आएगा।

Review by: Yohaann Bhaargava

Posted By: Chandramohan Mishra