क्राईमिया में बढ़ते तनाव के बीच यूरोप का सुरक्षा और सहयोग संगठन यूक्रेन में अंतरराष्ट्रीय निगरानी दल भेजने पर सहमत हो गया है. क्राईमिया को रूस में शामिल करने वाले विधेयक पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और क्राईमिया के नेताओं ने दस्तख़त किए हैं.


इस संगठन में यूरोपीय संघ और  रूस दोनों ही शामिल हैं. छह महीने के इस अभियान की शुरुआत में क़रीब सौ अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों को तैनात किया जाएगा.इन निरीक्षकों को  यूक्रेन के नौ क्षेत्रों में भेजा जाएगा. ये निरीक्षक पूर्वी यूक्रेन के रूसी भाषी क्षेत्रों में भी भेजे जाएंगे लेकिन क्राईमिया में इन्हें नहीं भेजा जाएगा. पश्चिमी देशों को उम्मीद है कि इस मिशन से यूक्रेन के लोगों और रूसी भाषी लोगों के बीच तनाव कम होगा.इस संगठन में अमरीकी राजदूत डेनियल बेअर ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है और कहा है कि जल्दी ही देश में और निरीक्षक भेजे जाएंगे. उन्होंने कहा, "हमें इस बात की ख़ुशी है कि आख़िरकार रूस यूक्रेन में निरीक्षकों को भेजने पर सहमत हो गया है. समझौते के तहत इन निरीक्षकों को चौबीस घंटे के भीतर रवाना कर दिया जाएगा."तनाव में कमी?


वहीं इस संगठन में रूसी प्रतिनिधि एंद्रे केलिन ने उम्मीद जताई है कि निरीक्षकों को यूक्रेन में तनाव कम करने में मदद करनी चाहिए, लेकिन ये भी ठीक है कि वे लोग क्राईमिया में नहीं जा रहे हैं.

एंद्रे केलिन ने कहा, "उन्हें क्राईमिया में जाने का आदेश नहीं मिला है. क्राईमिया रूसी संघ का हिस्सा है और चूंकि ये एक अलग राज्य है इसलिए वो बिना अनुमति यहां नहीं जा सकते."इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासिचव बान की मून ने रूस और यूक्रेन दोनों से अपील की है कि वे दोनों देशों के बीच तनाव ख़त्म करने के लिए शांतिपूर्वक कोई रास्ता निकालें. बान की मून रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाक़ात के बाद यूक्रेन की राजधानी किएफ़ पहुंचे थे. बान की मून ने दोनों देशों को आश्वस्त किया कि वे इसके लिए अपना पूरा सहयोग देंगे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh