दिव्यांग भी मतदान कर सकें इसलिए परिवहन विभाग मतदान केंद्र तक उन्हें ले जाने की तैयारी कर ली है.

- आरटीओ ऑफिस ने दिव्यांगों को घर से मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए की गाडि़यों की व्यवस्था

- जल्द ही जारी किया जाएगा मोबाइल नंबर, सहायक मतदान अधिकारी से भी कर सकेंगे वाहन की मांग

sanjeev.pandey@inext.co.in
LUCKNOW : इस बार दिव्यांग भी मतदान कर सकें इसलिए परिवहन विभाग मतदान केंद्र तक उन्हें ले जाने की तैयारी कर ली है. दिव्यांगों को बस एक कॉल करनी होगी और वाहन उनके घर पहुंच जाएगा. इस फ्री सेवा के लिए जल्द ही मोबाइल नंबर जारी किया जाएगा.

ऑटो और ई रिक्शा की व्यवस्था
राजधानी में छह मई को वोट डाले जाएंगे. दिव्यांग वोटर्स को मतदान केंद्र लाने और वापस घर तक छोड़ने की तैयारी आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों ने कर ली है. इस काम में करीब 800 वाहनों को लगाया जाएगा. जिनमें ऑटो, विक्रम और टेम्पो शामिल होंगे. इन वाहनों की व्यवस्था भी कर ली गई है. दिव्यांग जन को मतदान केंद्र तक जाने के लिए लिए बस एक कॉल करनी होगी और वाहन उनके घर पहुंच जाएगा. यही नहीं बूथ पर तैनात सहायक मतदान अधिकारी भी खुद दिव्यांग वोटर्स को वाहन से भेज सकेंगे. मतदान अधिकारियों से भी दिव्यांगों के लिए वाहनों की मांग की जा सकेगी.

समर्थक नहीं बना सकेंगे दबाव
चुनाव में अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए उनके समर्थक अधिक से अधिक वोट पाने के लिए दिव्यांग वोटर्स को अपना निशाना बनाते हैं. वे इन्हें मतदान केंद्र तक लाकर अपने पक्ष में मतदान का दबाव बनाते हैं. कई बार ऐसा करके वे कुछ वोट भी हासिल कर सकते हैं. इसी के चलते जिला प्रशासन ने दिव्यांग वोटर्स के लिए वाहनों का प्रबंध किया है.

दिव्यांगों को घरों से मतदान केंद्र तक लाने और ले जाने के लिए करीब 800 वाहनों की व्यवस्था की गई है. इनमें ऑटो, टेम्पो और ई रिक्शा शामिल हैं.

संजीव गुप्ता, एआरटीओ प्रवर्तन

आरटीओ कार्यालय, ट्रांसपोर्ट नगर

परिवहन विभाग

लगाए गए वाहनों की संख्या

वाहन संख्या

ऑटो 250

ई रिक्शा 300

टेम्पो 250

अनुमानित दिव्यांग वोटर- 30 हजार

 

 

 

दर्ज कराई जाएगी एफआईआर

चुनाव में विभिन्न कार्यो के लिए फोर व्हीलर वाहनों की जिम्मेदारी आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों को सौंपी गई है. इस बार चुनाव में वाहनों की व्यवस्था ना हो पाने से अधिकारियों की नींद उड़ी है. आरटीओ अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों को वाहन देने के लिए नोटिस दिया गया, उन्होंने ना तो वाहन दिए और ना ही किसी तरह की जानकारी दी. ऐसे वाहन मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने की अनुमति जिलाधिकारी से मांगी गई है.

Posted By: Kushal Mishra