राजपरिवार का यह शख्स करवाता है ब्रिटिश सरकार की जासूसी
चार्ल्स का विश्वस्त दो साल तक कैबिनेट ऑफिस में
अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि चार्ल्स का एक विश्वस्त दो साल तक कैबिनेट ऑफिस में रहा. दूसरा पर्यावरण एवं खाद्य मंत्रालय की ग्रामीण नीति टीम में देफ्रा में 14 महीनों तक तैनात रहा. ये लोग चार्ल्स को सूचनाएं पहुंचाते थे. कई वर्तमान और पूर्व मंत्रियों ने इस खुलासे पर हैरानी और खिन्नता जताई है. एक मंत्री के हवाले से अखबार ने लिखा कि उन्हें ऐसी तैनातियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि अब सवाल यह उठता है इन नियुक्तियों को मंजूरी किसने दी. यदि ऐसा हुआ है तो यह एक गैर प्रजातांत्रिक कदम कहलाएगा. उन्होंने अखबार से कहा कि शायद प्रिंस खुद को संविधान से ऊपर मानने लगे हैं. इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया जाएगा. उनके लोग सरकार में क्या कर रहे हैं. क्या वे सरकारी नीतियों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. बच रही है सरकार कुछ भी बोलने से
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन में सरकारी विभागों, व्यापार और परोपकारी संगठनों के बीच तालमेल बनाया जाता है. हालांकि, यह पारदर्शी तरीकों से किया जाता है. इस मामले में अभी चार्ल्स का कार्यालय क्लीयरेंस हाउस और सरकार कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. क्लीयरेंस हाउस के प्रवक्ता ने तीन कर्मचारियों के सरकारी विभागों में होने की पुष्टि तो की लेकिन उनकी पहचान का खुलासा करने से इन्कार कर दिया. उन्होंने कहा कि तीनों की नियुक्ति की संबंधित मानव संसाधन विभागों से मंजूरी मिली हुई थी. चार्ल्स पर राजगद्दी पाने के लिए लॉबींग करने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. लेकिन, सरकार के नीतिगत मामलों में दखलंदाजी का यह पहला वाकया है.बनाकर रखते हैं करीबी संबंधप्रिंस से जुड़े करीबी सूत्रों ने बताया कि उनके कर्मचारी और सरकार एक-दूसरे से करीबी संबंध बनाकर रखते हैं. इसके जरिये प्रिंस को विभिन्न देशी-विदेशी मुद्दों पर अपडेट किया जाता रहता है. विदेश एवं कॉमनवेल्थ ऑफिस के कर्मचारी एवं सेना के अधिकारियों का राजमहल में आना-जाना लगा रहता है. ये राजपरिवार के सदस्यों को विदेशी यात्राओं और समारोहों में शामिल होने पर सलाह देते हैं. हालांकि, राजपरिवार के संबंध में इस तरह की खबर पहली बार सामने आई है. बकिंघम पैलेस के प्रवक्ता ने बताया कि महारानी विक्टोरिया के स्टाफ का कोई सदस्य सरकार में काम नहीं कर रहा है.