'लिटिल इंडिया' से 52 भारतीय सदा के लिए निष्कासित
समाचार एजेंसी पीटीआई ने द स्ट्रेटस टाइम्स के हवाले से बताया कि सरकार द्वारा नियुक्त जांच समिति ने लिटिल इंडिया इलाके में भड़की हिंसा के सिलसिले में 16 व्यक्तियों से पूछताछ की.सिंगापुर में हिंसा की शुरुआत भारतीय मूल के एक 33 वर्षीय व्यक्ति की बस दुर्घटना में मौत के बाद हुई थी.पुलिस का कहना है कि 53 लोगों ने कथित रूप से उनका रास्ता रोका या हिंसा के दौरान पुलिस अधिकारियों का आदेश मानने से मना कर दिया. इसमें सिंगापुर के पुलिसकर्मियों समेत नागरिक सुरक्षा बल (एससीडीएफ़) के 39 लोग घायल हो गए थे.लिटिल इंडिया में हिंसा"अप्रवासन क़ानून के तहत सरकार सिंगापुर के हित और सार्वजनिक सुरक्षा के ख़िलाफ़ गतिविधि में शामिल होने की बात साफ़ होने के बाद किसी भी व्यक्ति को वापस जाने को कह सकती है."-के शानमुघम, सिंगापुर के विदेश मंत्री
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ सिंगापुर में भड़की हिंसा में एससीडीएफ़ और पुलिस के 25 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था.अधिकारियों ने सिंगापुर की सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र इन लोगों को ख़तरा मानते हुए वापस भेजने और दोबारा अप्रवासन क़ानूनों के तहत सिंगापुर आने पर रोक लगा दी है.
28 भारतीय नागरिकों पर हिंसा में शामिल होने का दोषी ठहराया गया, उनके मामले पर अदालत में सोमवार को सुनवाई होगी.पीटीआई के मुताबिक़ पुलिस ने हिंसा के दौरान घटनास्थल के आसपास मौजूद रहे 200 दक्षिण एशियाई लोगों से ऐसे मौकों पर सतर्कता बरतने के लिए कहा है. पुलिस ने इन लोगों से कानून का पालन करने के लिए कहा है. इनको सिंगापुर में रहने और काम करने की अनुमति होगी.स्वदेश वापसी की तैयारी