म्यांमार की आंखों देखी : 'रोहिंग्या मुसलमानों का एक गांव जल रहा था'
रोहिंग्या मुस्लिमों के मुताबिक रखाइन प्रांत में पुलिस थानों पर रोहिंग्या कट्टरपंथियों के हमले के बाद सेना और रखाइन बौद्ध समुदाय के लोगों ने उनके गांवों को जला दिया है।
म्यांमार की सरकार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। सरकार का कहना है कि चरमपंथियों और मुस्लिम लोगों ने ख़ुद ही अपने गांवों को जला दिया है।लेकिन बीबीसी के दक्षिण पूर्व एशिया के संवाददाता जोनाथन हेड ने मुस्लिम गांव का दौरा किया जिसे कथित तौर पर रखाइन बौद्धों के एक गुट नेआग लगा दी थी।हमने लौटते हुए एक खेत में पेड़ों के झुरमुट से उठते धुएं को देखा।
हम बाहर निकले और खेतों की तरफ भागने लगे जहां पर पेड़ों के झुरमुट में आग लगी थी।हमने गांव की शुरुआती इमारतों में धुआं देखा। यहां पर एक घर करीब 20-30 मिनट में जल जाता है, इसका मतलब ये था कि अभी-अभी आग लगाई गई है।जब हम अंदर गए तो हमने एक मदरसा देखा जिसकी छत पर आग लगी हुई थी जिसकी लपटें बगल वाले घर की दीवारों तक पहुंच रही थीं और करीब तीन मिनट में ही वहां भयंकर आग लग गई।
गांव में कोई और नहीं था। जिन लोगों को हमने देखा वो ही अपराधी थे। घर के सामान सड़क पर फेंके थे, बच्चों के खिलौने, महिलाओं के कपड़े भी सड़कों पर बिखरे थे। रास्ते में हमने एक खाली जग देखा जिसमें से पेट्रोल की कुछ बूंदे टपक रही थीं।जब तक हम गांव से बाहर निकले तब तक ये मकान जलकर खाक में तब्दील हो चुके थे।