⁄ Rishikesh has a beautiful Ganga ghat which is famous as Goa Beach among foreigner tourists who wish to visit here, watch its beauty
ऋषिकेश का Goa Beach जहां कभी लिखा रहता था इंडियंस आर नॉट अलाउड! आज ये बीच बना नेचर लवर्स की पहली पसंद
ऋषिकेश में शांति-सुकून और रोमांच से भरपूर गोवा बीच पर क्या कुछ है सबसे खास जहां खिचें चले आते हैं हजारों विदेशी टूरिस्ट्स। पढ़िए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की यह स्पेशल रिपोर्ट और देखें गोवा बीच का डीटेल्ड वीडियो।
ऋषिकेश (दिलीप बिष्ट)। चारों ओर हरियालीयुक्त शांत पहाड़ियां, बीच में कल-कल करती गंगा की धाराएं और सामने सेफद रेत की चादर पर देश-दुनिया के टूरिस्ट्स का हुजूम. अप्रैल-मई में तो यहां पैर रखने की जगह तक नहीं मिलती. बस, नेचर लवर टूरिस्ट्स रेत पर लिपटे हुए ध्यान-मग्न अवस्था में ही नजर आते हैं. जी हां. यही इंट्रोडक्शन है योगनगर ऋषिकेश के 'गोवी बीच' की. जहां राफ्टिंग की दुनिया का रोमांच भी नजर आता है. यह बीच इंडियंस के साथ ही फॉरेनर टूरिस्ट्स को सबसे ज्यादा अट्रैक्ट करता है. कुछ समय पहले तक यहां पत्थरों पर लिखा रहता था-इंडियंस आर नॉट अलाउड. इसलिए, कि फॉरनर्स के साथ कोई मिसबिहेव न हो जाए. हालांकि, अब ऐसा नजर नहीं आता.
अप्रैल-मई के महीने में लगी रहती है भीड़ दून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से करीब 30 किमी दूरी पर रामझूला, जानकी पुल के नजदीक पौड़ी डिस्ट्रिक्ट में मौजूद है उत्तराखंड ऋषिकेश का मशहूर गोवा बीच. जहां हर सीजन में दुनियाभर के टूरिस्ट प्रकृति का आनंद लेने के लिए बीच में पहुंचते हैं. ये टूरिस्ट न केवल गंगा को निहारते हुए गंगा में डुबकी लगाते हैं. बल्कि, यहां मौजूद सफेद रेत पर योगासन करते हुए ध्यान मग्न हो जाते हैं. यहां पहुंचने वाले टूरिस्ट की संख्या में सबसे ज्यादा फॉरनर्स देखे जाते हैं. खास बात यह है कि ये ऋषिकेश का गोवा बीच पिछले करीब एक दशक से फेम में आया है और अब तो यहां पहुंचने वाले टूरिस्ट की संख्या में साल-दर-साल इजाफा होता जा रहा है.
तीन महीने नजर नहीं आते टूरिस्ट इस बीच की खासियत ये है कि यहां मानसून सीजन शुरू होते ही यानि जून से लेकर अगस्त तक टूरिस्ट की आवाजाही कम देखने को मिलती है. लेकिन, बाकी महीनों में टूरिस्ट का आना-जाना लगा रहता है. दरअसल, जून व जुलाई महीने में मानसून के कारण वॉटर का लेवल बढ़ जाता है और यह बीच पूरी तरह से गंगा के पानी के ढक जाता है. ऐसी सिचुएशन में पुलिस-प्रशासन की ओर से बीच में जाने की परमिशन नहीं दी जाती है.
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