ऋषभ पंत के कार एक्‍सीडेंट को लेकर पुलिस ने बयान दिया है। पुलिस के मुताबिक ये हादसा तब हुआ जब पंत को गाड़ी चलाते समय अचानक नींद आ गई। जिससे उनकी कार उत्तराखंड में हम्मादपुर झाल के पास रुड़की की नारसन सीमा पर एक डिवाइडर से टकरा गई।

देहरादून (एएनआई/पीटीआई)। भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के कार एक्‍सीडेंट से जुड़ी एक नई बात सामने आई है। पुलिस के मुताबिक ये हादसा तब हुआ, जब पंत को गाड़ी चलाते समय अचानक नींद आ गई। जिससे उनकी कार उत्तराखंड में हम्मादपुर झाल के पास रुड़की की नारसन सीमा पर एक डिवाइडर से टकरा गई। क्रिकेटर को पीठ, माथे और पैर में चोट लगने के कारण देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हरिद्वार (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक एसके सिंह के अनुसार यह हादसा तब हुआ जब क्रिकेटर दिल्ली से रुड़की जा रहे थे और उनकी कार रुड़की के नारसन बॉर्डर पर हम्मादपुर झाल के पास डिवाइडर से टकरा गई।

गाड़ी चलाते समय झपकी आ गई
एसके सिंह ने एएनआई को बताया, "वह अपने रिश्तेदारों से मिलने रुड़की जा रहे थे। हादसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्‍हें गाड़ी चलाते समय झपकी आ गई।' अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार पंत की हालत स्थिर है। मैक्स अस्पताल, देहरादून के डॉ आशीष याग्निक ने कहा, "क्रिकेटर ऋषभ पंत आर्थोपेडिक्स और प्लास्टिक सर्जनों के निरीक्षण में हैं। उनकी हालत स्थिर है। एक बार उनकी जांच के बाद एक विस्तृत मेडिकल बुलेटिन जारी किया जाएगा। इसके बाद, हम अगले कदम उठाएंगे,"

कोई फ्रैक्चर की सूचना नहीं
आपातकालीन स्थिति में पंत का इलाज करने वाले डॉ. सुशील नागर ने कहा कि क्रिकेटर को कोई फ्रैक्चर नहीं हुआ है लेकिन उनके घुटने में लिगामेंट की चोट है जिसकी आगे की जांच की जरूरत है। डॉ. नागर ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ''जब उसे हमारे अस्पताल लाया गया तो वह पूरी तरह से होश में था और मैंने उससे बात की। वह अपनी मां को सरप्राइज देना चाहता था और घर वापस जा रहा था। उसके सिर पर दो घाव थे, लेकिन मैंने टाँके नहीं लगाए। मैंने उन्हें मैक्स अस्पताल में जाने की सलाह दी है जहाँ एक प्लास्टिक सर्जन उन्हें देख सकता है।'

पीठ पर गंभीर चोट
डॉक्‍टर ने आगे बताया, "हालांकि हमारे अस्पताल में किए गए एक्स रे की रिपोर्ट बताती है कि हड्डी में कोई चोट नहीं है। हां, उनके दाहिने घुटने पर लिगामेंट टियर है। यह कितना गंभीर है, इसका पता आगे की जांच और एमआरआई किए जाने के बाद ही लगाया जा सकता है।" लिगामेंट इंजरी के विभिन्न ग्रेड होते हैं और इसे पूरी तरह से ठीक होने में 2 से 6 महीने लग सकते हैं। डॉ नागर ने कहा कि उनकी पीठ पर चोट के बड़े-बड़े निशान हैं, जिनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, वे जलने के निशान नहीं हैं। गाड़ी से कूदने की वजह से उन्‍हें चोट लगी है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari