दुनिया की आबादी की एक फ़ीसदी सबसे अमीर लोगों की दौलत बाक़ी 99 फ़ीसदी लोगों की कुल दौलत के बराबर है।


ग़रीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली ग़ैर-सरकारी संस्था ऑक्सफ़ैम ने क्रेडिट स्विस के आंकड़ों के आधार पर ये दावा किया है।इस हफ़्ते डावोस में हुई बैठक में जुटे नेताओं के बीच असमानता को दूर करने के लिए ज़रूरी क़दम उठाने को लेकर बातचीत की गई।इस दौरान लॉबिंग करने वालों और कर की चोरी से धन जुटाने वालों की आलोचना की गई।सबसे अमीर 62 लोगों के पास दुनिया के आधे गरीबों जितनी दौलत है।साल 2010 में 388 लोगों के पास दुनिया के आधे ग़रीब लोगों जितना धन था।रिपोर्ट अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहती है, "जिस अर्थव्यस्था को भावी पीढ़ी और पूरी धरती की तरक़्क़ी के लिए होना था वो केवल 1 फ़ीसदी लोगों की होकर रह गई है।"


क्रेडिट स्विस कई सालों से ये रिसर्च कर रही है। यदि रुझान की बात की जाए तो सबसे अधिक दौलतमंद 1 फ़ीसदी लोगों के पास धन का अनुपात साल 2000 से 2009 के बीच कम होता गया जबकि उसके बाद से अब तक की अवधि में इसमें वृद्धि हुई है।ऑक्सफ़ैम ने सरकारों से इस रुझान के उलट के लिए कार्रवाई करने की गुज़ारिश की है।

ये कामगारों को सही मज़दूरी मिलने और उनके व कंपनी के प्रबंधकों को मिलने वाले वेतन के बीच की खाई को कम करने की पैरवी करता है।इसके अलावा संगठन ने लिंग आधारित वेतन में असमानता, अवैतनिक देखभाल के लिए मुआवज़ा और महिलाओं को भूमि और संपत्ति में समान उत्तराधिकार देने की मांग की है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh