अभी सब पर आइस बकेट चैलेंज का क्रेज छाया ही था कि 'राइस बकेट चैलेंज' अचानक ही सोशल मीडिया पर सेंटर ट्रेंड करने लगी. राइस बकेट चैलेंज आइस बकेट चैलेंज का इंडियन वर्जन है या कहें देसी अवतार. क्या है राइस बकेट चैलेंज और किसने इसे शुरू किया? पढ़िये पूरी खबर.

हैदराबादी मंजुलता की नेक मुहिम
राइस बकेट चैलेंज हैदराबाद की मंजुलता कलानिधि की एक इनोवेटिव और नेक मुहिम है. जहां आइस बकेट चैलेंज में अपने सिर पर बर्फीला पानी उड़ेलना होता है वहीं राइस बकेट चैलेंज में बाल्टी भर चावल किसी जरूरतमंद को दान करना होता है. या फिर आप 100 रुपए की दवा किसी नजदीकी अस्पताल में चैलेंज को पूरा करने के लिए दे सकते हैं. मंजुलता अपने फेसबुक पेज पर कहती हैं- राइस बकेट चैलेंज हमारे देश की जरूरतों के मुताबिक और प्रैक्टिकल है. आइस बकेट चैलेंज लेकर पानी बर्बाद करने से अच्छा है कि आप चावल और दवा गरीबों को दें. मंजू के राइस बकेट चैलेंज को अब तक 9054 लाइक्स मिल चुके हैं. कोयंबटूर की पुलिस इंसपेक्टर सुमित्रा ने भी यह चैलेंज लिया.
कैसे पूरा होगा राइस बकेट चैलेंज?
राइस बकेट चैलेंज पूरा करने के लिए सबसे पहले अपने किचेन से बाल्टी भर चावल लें. अपने आस-पड़ोस में किसी जरूरतमंद को जाकर यह चावल दें. इस दौरान अपनी पिक्चर क्लिक करके ricebucket challenge हैशटैग के साथ फेसबुक पर पोस्ट करें. अपने सभी फ्रेंड्स को भी टैग करें और उनसे भी ऐसा करने के लिए कहें. मंजुलता की इस पहले को सोशल मीडिया यूजर्स का सपोर्ट मिल रहा है और यह पॉप्युलर हो रही है.

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Posted By: Shweta Mishra