रैंसमवेयर से बचाया, ईनाम में मिली 7 दिन की छुट्टी
ऐसे निकाला हलमालवेयर टेक के नाम से काम करने वाले इस शख्स ने रैनसमवेयर की एक कमजोरी का पता लगाया और उसी के बूते इस वायरस को फैलने से रोका। 22 साल का यह लड़का एक आईटी कंपनी में काम करता है। हालांकि लड़के का नाम अभी गोपनीय रखा गया है। मालवेयर की मानें तो उनकी टीम इस साइबर हमले की जांच में जुटी थी। तभी उन्होंने इस वायरस का एक किल स्विच पा लिया, जो रैंसमवेयर को रोकने में कामयाब हो गया। दरअसल मालवेयर एक खास वेब एड्रेस 'gwea.com' से लगातार कनेक्ट होने की कोशिश कर रहा है। जिसकी वजह से नए कंप्यूटर में प्रॉब्लम आ रही थी।
मीडिया रिपोर्ट्स से मिल रही जानकारी के मुताबिक हैकर्स ने अमेरिका की नेशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर इतने बड़े पैमाने पर साइबर अटैक किया। माना जा रहा है कि अमेरिका की नेशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी जिस तकनीक का इस्तेमाल करती थी वह इंटरनेट पर लीक हो गई थी और हैकर्स ने उसी तकनीक का इस्तेमाल किया है।
रैंसमवेयर एक कंप्यूटर वायरस है जो कंप्यूटर्स फाइल को बर्बाद करने की धमकी देता है। धमकी दी जाती है कि यदि अपनी फाइलों को बचाना है तो फीस चुकानी होगी। यह वायरस कंप्यूटर में मौजूद फाइलों और वीडियो को इनक्रिप्ट कर देता है और उन्हें फिरौती देने के बाद ही डिक्रिप्ट किया जा सकता है। बता दें कि इसमें फिरौती चुकाने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाती है और अगर समय पर पैसा नहीं चुकाया जाता है तो फिरौती की रकम बढ़ जाती है। हैकर्स ने यह फिरौती बिटक्वाइन के रूप में मांगी है। ताकि उन्हें आसानी से ट्रैक न किया जा सके।
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