अस्थमा बन सकता है आप के प्यार में दीवार!
असल में अस्थमा का सीघा असर आपकी सांसों पर पड़ता है और सेक्स के दौरान सांस तेज होना एक सामान्य बात है. अस्थमा के पेशेंटस की सांस की नली में स्वेलिंग आ जाती है जिससे उसके फेफड़ों में हवा जाने में दिक्कत होने लगती है और जब आप शारीरिक संबंध बनाते है तो ये एक व्यायाम की तरह की प्रक्रिया होती है जिससे आपकी सांसे और धड़कने तेज हो जाती हैं. ये बात अस्थमा पेशेंट के लिए खतरनाक होती है. यही वजह है कि उसकी सेक्स लाइफ प्रभावित होती है और प्यार में दीवार खड़ी होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि आप कुछ खास बातों को ध्यान रखें और इस बीमारी को अपने प्यार का शिकार ना करने दें.
क्या हो सकती हैं परेशानियां
इससे पहले की आप ये जानें की किन बातों का ख्याल रख कर अस्थमा में भी सहज सेक्स रिलेशन बनायें जा सकते हैं आप ये जान लें की क्या क्या प्राब्लम आ सकती हैं तभी आप उसका हल ढूंढ पायेंगे. 1- सांसो की गति तेज होने पर हो सकती है दिक्कत. 2- अस्थमा की दवाओं का साइड इफेक्ट कर सकता है सेक्स में रुचि को कम. 3- कुछ दवायें और अस्थमा पंप पुरूष हारमोंनस को प्रभावित करते हैं जिससे सेक्सुअलिटी प्रभावित होती है. तो अब जब आप ये जानते हैं तो इन पर नियंत्रण के तरीके भी खोज सकते हैं.
असल में अस्थमा की दवायें अक्सर व्यक्ति की सेक्स के प्रति रुचि को कम करने वाली होती हैं. ऐसे में अनजाने में ही आप अपनी लाइफ के इस खूबसुरत अहसास से दूर होने लगते हैं. इसलिए जरूरी है कि अपने प्रेसकिप्श्ान में मेंशन दवाओं के असर और उनसे बचने के रास्तों के बारे में स्पष्ट बात करें. डाक्टर आपको सही तरीका बता सकता है जिससे की आपका ट्रीटमेंट और रिश्ता दोनों सही तरीके से चलते रहें.
डिप्रेशन से बचें
अस्थमा पेशेंट अक्सर सांस लेने में होती दिक्कत और लगातार चलने वाले ट्रीटमेंट से परेशान हो जाता है. दूसरे इस बीमारी से आने वाली अतिरिक्त थकावट भी इंसान को थोड़ा चिड़चिड़ा बना देती है, जिस वजह से पेशेंट को डिप्रेश्ान होने लगता है. ऐसे में सबसे पहले तो अपने पार्टनर से बात करें और उससे अपनी समस्या शेयर करें. साथ ही सेक्स आपकी जिंदगी का अहम हिस्सा है और इस बीमारी में उससे आने वाली दूरी भी अस्थमा के मरीज को अवसाद में धकेल सकती है इसलिए अपने साथी को पहल करने और जिम्मेदारी लेने को कहें. यही बात अस्थमा झेल रहे शख्स के पार्टनर को भी समझनी होगी. उसे दूर ना जाने दें और खुद आगे बढ़ कर संबध बनसयें जिसे कम से कम उत्तेजना हो और दोनों संबंध का आनंद भी ले सकें.
अपने रिश्ते में इस बीमारी के चलते ना तो असंतुष्ट महसूस करें ना असंतोष आने दें. कहने का मतलब ये हैं कि थकान के चलते अस्थमा का शिकार जल्दी ही सेक्स में भागीदारी बंद कर देता है ऐसे में अगर आप खुद मरीज हैं तो अपने को कमजोर या अक्षम ना समझें बल्की आनंद के दूसरे तरीकों के बारे में सोचें या सेक्स स्पेशलिस्ट से सलाह लें. अगर आपके साथी के साथ ये समस्या तो भी झुंझलायें नहीं, नहीं उसे कमजोरी का ताना दें ना जबरदस्ती करें ये सारी बातें घातक हैं बल्कि सहयोग करें और रास्ते ढूंढें. याद रखिए अस्थमा सेक्स से रुचि घटाता है उसे मारता नहीं है आपकी थोड़ी सी समझदारी उसे मरने से बचा लेगी.
सावधानी है सबसे बड़ा सहारा
जीहो अगर अस्थमा के मरीज थोड़ी से सावधानी बरतें तो उनके संबध पूरी तरह सामान्य बने रह सकते हैं. पहली बात तो डाक्टर के समझायें नियमों का पालन करें और दूसरा संबंध बनाते से अपनी पेजीशन का खास ख्याल रखें. मतलब हमेशा ऐसी पोजीशन में रहें जिससे आपके सीने पर दवाब ना पड़े. ऐसे में ना तो सांस लेने में दिक्कत होगी और ना तेज सांस खींचने की जरूरत होगी जिससे उसकी गति भी सामान्य रहेगी.