समझौता टूटने के बाद ईरान ने किया आगाह, कहा अमरीकी कदमों से निपटने को तैयार
अमरीका को खूब लताड़ातेहरान (आईएएनएस)। परमाणु समझौता खत्म किये जाने के बाद से अमरीका और ईरान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। ईरानी संसद के स्पीकर अली लारीजानी ने आगाह करते हुए कहा है कि वह वाशिंगटन द्वारा परमाणु समझौता खत्म करने के बाद अमरीका के तेहरान विरोधी कदमों से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने 2015 में हुए परमाणु करार से पीछे हटने पर अमरीका को खूब लताड़ा। लारीजानी ने अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो की उन 12 शर्तो की भी कड़ी आलोचना की, जिन्हें उन्होंने अमेरिका के कड़े प्रतिबंधों से बचने के लिए ईरान के समक्ष रखी थीं।आठ मई को अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने किया था समझौता खत्म
उन्होंने कहा कि इन शर्तो में से सात क्षेत्रीय मुद्दों से संबंधित हैं। इससे यह जाहिर होता है कि ईरान के साथ अमरीका की समस्या परमाणु मसले से संबंधित नहीं है। बता दें कि आठ मई को अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तमाम अंतरराष्ट्रीय विरोध के बावजूद ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से हटने का एलान किया था। इसके बाद ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और जर्मनी ने समझौते पर बने रहने की प्रतिबद्धता जताई थी।2015 में हुआ था समझौता
गौरतलब है ईरान, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों - ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमरीका के बीच जुलाई 2015 में जेसीपीओए समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत ईरान आर्थिक मदद और खुद पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने की एवज में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों को रोकने पर सहमत हुआ था। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अक्टूबर 2017 में इस समझौते को रद करने का आह्वान किया था और ईरान पर समझौते का कई बार उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। हालांकि ईरान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। ईरान ने साफ किया है कि वह समझौते में कोई परिवर्तन स्वीकार नहीं करेगा।
ईयू चीफ ने कहा, जिसके ट्रंप जैसे मित्र हों तो उन्हें दुश्मनों की क्या जरूरतईरानी परमाणु समझौते से अलग हुआ अमरीका, पश्चिमी एशिया में बढ़ सकता है तनाव