देश में बढ़ती महंगाई के बीच एक राहत की खबर आई है। आरबीआई ने रेपो और रिवर्स रेपो रेट में इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया है।


मुंबई (एएनआई)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने शुक्रवार को रेपो और रिवर्स रेपो रेट में लगातार 11वीं बार कोई बदलाव नहीं किया। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए मतदान किया। रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को पैसे उधार पर देता है और उस पर ब्याज लेता है। वहीं रिवर्स रेपो रेट इसके उलट है जिसमें आरबीआई अन्य बैंकों से उधार लेता है, इस पर 3.35 प्रतिशत ब्याज देता है।

11वीं बार नहीं हुआ बदलाव


यह लगातार 11वीं नीति समीक्षा है जब आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने मई 2020 से रेपो और रिवर्स रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने भी नीतिगत रुख बनाए रखने का फैसला किया है।जीडीपी वृद्धि अनुमान घटा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अनुमान में कटौती की। पहले यह 7.8 फीसदी रखी गई थी जो घटाकर 7.2 फीसदी कर दी गई है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान भी 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया गया है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari