हमारे आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन अपने कड़े फैसलों के लिए जाने जाते हैं. इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया है. पिछले कुछ दिनों में इंफ्लेशन रेट भले ही थोड़ी कम हुई हो लेकिन रिजर्व बैंक के रुख को देखकर लगता है कि लोगों को मंहगे लोन से अभी राहत मिलने वाली नहीं है. मंगलवार को क्रेडिट पॉलिसी अनाउंस करते हुए आरबीआई ने इंटरेस्ट में कोई बदलाव नहीं किए हैं.

एसएलआर में 0.5 फीसदी की कटौती
रिजर्व बैंक ने हालांकि रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किए हैं. रेपो रेट आठ फीसदी और रिवर्स रेपो रेट सात फीसदी ही रखे गए हैं.सीआरआर यानी कैश रिजर्व रेशियो में कोई चेंज नहीं किया गया है. इसे चार फीसदी पर ही रखा गया है.  फिर भी थोड़ी राहत देते हुए एसएलआर में 0.5 फीसदी की कटौती की है. अब बैंकों को बॉन्ड्स में पहले से थोड़ी सा कम अमाउंट रखना होगा. जिससे बैंकों के पास मार्केट को देने के लिए 40 हजार करोड़ का एक्स्ट्रा अमाउंट अवेलेबल होगा. महंगाई को लेकर आरबीआइ की चिंता अभी भी बनी हुई है. बैंक रेट भी नौ फीसदी पर ही बरकरार रहेगी.

कमजोर मॉनसून से बढ़ेगा इंफ्लेशन: रघुराम राजन

रघुराम राजन ने कहा कि कमजोर मॉनसून की वजह से इंफ्लेशन बढ़ेगा. इसका असर खाद्य उत्पादन पर भी पड़ने का खतरा है. इसके अलावा इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम बढ़ने से भी मंहगाई बढ़ने के आसार हैं. इसलिए हम पॉलिसी रेट्स में बड़े चेंज नहीं कर रहे हैं. रिजर्व बैंक महंगाई को काबू में करने के लिए पॉलिसी रेट्स का सहारा लेता है.

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Posted By: Shweta Mishra